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हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दक्षिण चीन सागर तक चीन की घेराबंदी तेज, भारतीय सेना के आधुनिकीकरण में जुटा अमेरिका

भारत और अमेरिका की दोस्ती अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में समुद्री सुरक्षा को लेकर नई रणनीति पर आगे बढ़ रही है। अमेरिका ने इन क्षेत्रों में चीन की दादागिरी खत्म करने के लिए भारतीय सेना का आधुनिकीकरण शुरू कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन के आक्रामक रवैये को कम करने के लिए भारतीय सेना को मजबूत कर रहे।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: December 29, 2023 13:24 IST
दक्षिण चीन सागर, प्रतीकात्मक फोटो।- India TV Hindi
Image Source : AP दक्षिण चीन सागर, प्रतीकात्मक फोटो।

हिंद-प्रशांत महासागर से लेकर दक्षिण चीन सागर तक अब भारत और अमेरिका की दोस्ती चीन के लिए महाकाल बनने वाली है। चीन की दादागिरी खत्म करने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर नई रणनीति बनाई है। अमेरिका ने ऐलान करके कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दक्षिण चीन सागर तक चीन की आक्रामता को कम करने के लिए वह भारतीय सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है। अमेरिका के इस ऐलान से चीनी खेमें में खलबली मच गई है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता लाने के मकसद से 2023 में अपने सहयोगियों के साथ सहयोग एवं ‘‘अभूतपूर्व’’ उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा है कि अमेरिका ने भारत के साथ अपने सैन्य संबंधों के दायरे को आधुनिक बनाया है। 
 
इसीलिए पेंटागन ने रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण संबंधी उसकी योजनाओं को बढ़ावा दिया है। पेंटागन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक कदमों के बीच कहा कि अमेरिका अत्याधुनिक सैन्य क्षमताओं को तैनात कर रहा है और भविष्य में हिंद-प्रशांत में प्रतिरोध बनाए रखने के लिए आवश्यक क्षमताएं विकसित कर रहा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए ‘‘निर्णायक वर्ष’’ पर एक तथ्य पत्र (फैक्ट शीट) में कहा, ‘‘अमेरिका ने स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और प्रतिरोध की दिशा में 2023 में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल करने के लिए अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर काम किया है।
 

भारतीय सेना की तातक बढ़ाने में जुटा अमेरिका

मंत्रालय ने कहा कि वह अपनी क्षमताओं में निवेश कर रहे अपने सहयोगियों और भागीदारों का समर्थन कर रहा है और इसी के तहत ‘‘भारत की रक्षा संबंधी आधुनिकीकरण योजनाओं को बढ़ावा दे रहा है, जिसमें अमेरिकी एवं भारतीय अनुसंधानकर्ताओं, उद्यमियों एवं निवेशकों के बीच भागीदारी को बढ़ावा देकर भारत, अमेरिकी रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (आईएनडीयूएस एक्स) की शुरुआत करने के साथ ही लड़ाकू जेट इंजन और ‘स्ट्राइकर’ बख्तरबंद वाहनों के सह निर्माण के लिए अमेरिका-भारत रक्षा उद्योग सहयोग खाके की रेखांकित प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाना’’ शामिल है। अमेरिका ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मालाबार अभ्यास का भी उदाहरण दिया जो पहली बार इस साल ऑस्ट्रेलिया में किया गया था और इस दौरान ‘‘पनडुब्बी रोधी अभ्यास, संचार और वायु रक्षा में उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया।
 

एशिया में ये है अमेरिकी रक्षा रणनीति

तथ्य पत्र में अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के हवाले से कहा गया, ‘‘इस निर्णायक दशक में 2023 को एशिया में अमेरिकी रक्षा रणनीति को लागू करने के लिए एक निर्णायक वर्ष के रूप में याद किया जाएगा।’’ इसमें कहा गया है कि 2023 में ऑस्टिन ने हिंद-प्रशांत की चार यात्राएं कीं और क्षेत्र के आठ देशों का दौरा किया। ऑस्टिन और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस साल अमेरिका -भारत ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए नवंबर में नयी दिल्ली की यात्रा की थी। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन की आधिकारिक यात्रा से पहले ‘‘प्रमुख रक्षा साझेदारी को मजबूत करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने’’ के लिए ऑस्टिन ने भारत की यात्रा की थी। ​ (भाषा) 

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