नई दिल्ली। अमेरिका के अनुसार यूक्रेन युद्ध में चीन चोरी-चुपके से रूस की मदद कर रहा है। इसकी जानकारी अब जो बाइडन प्रशासन को हो चुकी है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध में चीन कई तरह से पुतिन को मदद मुहैया करा रहे हैं। इसके बाद अमेरिका ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है। अमेरिका ने रूस को चीन से मिल रहे इस गुप्त समर्थन पर चिंता जाहिर करते हुए उसे अंजाम भुगतने की भी चेतावनी दे डाली है। अमेरिका का मानना है कि बीजिंग चोरी-चोरी और चुपके-चुपके रूस को सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है। ऐसा करके चीन ठीक नहीं कर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी इस बात से काफी चिंतित हैं कि उन्होंने पिछले कई दिनों में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में सहयोगियों और भागीदारों के साथ चीन को लेकर खुफिया जानकारी साझा की है। अधिकारियों ने कहा कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने शनिवार को सम्मेलन से इतर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहाकि रूस को समर्थन प्रदान करने या व्यवस्थित प्रतिबंधों से बचने में रूस की सहायता करने के प्रभाव और परिणामों के बारे में चेतावनी देने में मंत्री ब्लिंकेन काफी स्पष्ट थे। अगर चीन इसके बावजूद नहीं सुधरता तो उसको इसका खामियाजा भुगतना होगा।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने चीन के समर्थन की खोली पोल
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने म्यूनिख में अपने भाषण के दौरान रूस के लिए चीन के समर्थन की पोल खोल दी है। हैरिस ने शनिवार को कहा, हम इस बात से भी परेशान हैं कि युद्ध शुरू होने के बाद से ही बीजिंग ने मास्को के साथ अपने संबंध गहरे किए हैं। चीन द्वारा रूस को समर्थन प्रदान करने के लिए कोई भी कदम केवल आक्रामकता को बढ़ाएगा। इससे अमेरिका और चीन के बीच में तनाव बढ़ना तय है। वहीं अधिकारियों ने कहा कि"अमेरिका देख रहा है कि चीन सार्वजनिक रूप से खुद को शांति के प्रस्तावक के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है।
चीनी विदेश मंत्री वांग ने शनिवार को म्यूनिख में कहा कि बीजिंग यूक्रेन और रूस के लिए एक शांति योजना पेश करेगा और यूरोप के साथ संबंध बनाए रखेगा। इसी दौरान खुलासा हुआ कि चीन चुपचाप रूस के युद्ध प्रयासों में सहायता कर रहा है।"वांग ने सम्मेलन में कहा, यह युद्ध जारी नहीं रह सकता। हमें यह सोचने की जरूरत है कि इस युद्ध को समाप्त करने के लिए हम क्या प्रयास कर सकते हैं।