भारत में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए को बहुमत प्राप्त हुआ है। नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। इस बीच दुनिया भर के तमाम नेताओं ने बधाई संदेश भेजे है। ताइवान के राष्ट्रपति ने भी बधाई संदेश भेजा जिसका जवाब नरेंद्र मोदी की तरफ से दिया। अब इसी बात पर चीन बिफर गया है और उसने भारत के सामने विरोध जताया है। विरोध से आगे बढ़ते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाने ग्लोबल टाइम्स के पूर्व संपादक हू शिजिन ने भारत को धमकी तक दे डाली है।
'भारत को कीमत चुकानी पड़ेगी'
हू शिजिन ने ताइवान के राष्ट्रपति के बधाई संदेश को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने हद पार कर दी है। इस दिशा में आगे बढ़ने पर भारत को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। चीनी सरकार ने इस पूरे मामले पर भारत के सामक्ष विरोध दर्ज कराया है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
अब इस मामले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया देखने को मिली है। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री मोदी और ताइवान के राष्ट्रपति के बीच अभिवादन के आदान-प्रदान के बाद चीन ने भारत के समक्ष विरोध जताया है, जिसके बाद कई सरकारी और गैर-सरकारी तत्व सोशल मीडिया पर यह कह रहे हैं कि भारत को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। चीन की ओर से आने वाले दबावपूर्ण और धमकी भरे व्यवहार के बारे में आप क्या कहते हैं। इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "मैंने वो रिपोर्ट नहीं देखी हैं, इसलिए मैं विस्तार से टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन मैं यह कहूंगा कि इस तरह के बधाई संदेश कूटनीतिक का सामान्य तरीका है।"
ताइवान को अपना अंग मानता है चीन
वहीं, चीनी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन ने हमेशा ताइवान के क्षेत्रीय अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच किसी भी तरह की आधिकारिक बातचीत का दृढ़ता से विरोध किया है। ताइवान को चीन आधिकारिक तौर पर चीन का अंग मानता है।
ताइवान के संदेश पर मोदी का धन्यवाद
ताइवान के राष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा कि हम तेजी से बढ़ रही ताइवान-भारत साझेदारी को बढ़ाने, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं। पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया और लाई को उनके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए धन्यवाद कहा। मोदी ने कहा कि मैं पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हुए घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं।
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