दुनिया भर में सर्वर डाउन होने और डेटा चोरी होने व साइबर फ्राड की वजह चीन है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चीन पूरी दुनिया में हैकरों से साइबर हमले करवा रहा है। यह बात अमेरिकी रिपोर्ट में कही गई है, जिसमें चीन को दुनिया के विभिन्न देशों में साइबर हमले का दोषी माना गया है। हालांकि चीन अमेरिका की इस रिपोर्ट से बौखला गया है और इसे सिरे से खारिज कर दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इसी हफ्ते चीन जाने वाले हैं, लेकिन उनके दौरे से पहले ही दोनों देशों में साइबर वार छिड़ गया है। अमेरिका ने चीन पर हैकरों द्वारा डेटा चोरी करने और साइबर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
वहीं राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसे चीनी साइबर उद्योगों को टार्गेट किए जाने की साजिश बता रहे हैं। चीन सरकार ने एक अमेरिकी सुरक्षा कंपनी की उस रिपोर्ट को ‘‘अवास्तविक और गैर-पेशेवर’’ बताते हुए शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें दुनियाभर में सैकड़ों सार्वजनिक एजेंसियों, स्कूलों और अन्य प्रतिष्ठानों पर साइबर हमलों के लिए चीन से जुड़े हैकर को दोषी ठहराया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि अमेरिका हैकिंग करता है, लेकिन साइबर सुरक्षा उद्योग शायद ही कभी इस संबंध में रिपोर्ट करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हैकिंग करने वाले लोगों ने ‘‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के समर्थन में जासूसी गतिविधि’’ में शामिल होने संबंधी ईमेल को निशाना बनाया।
चीन ने कहा जानबूझकर किया जा रहा टार्गेट
चीनी प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘‘प्रासंगिक सामग्री अवास्तविक और गैर-पेशेवर है।’’ वांग ने कहा, ‘‘अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनियां अन्य देशों द्वारा तथाकथित साइबर हमलों पर रिपोर्ट तैयार करना जारी रखती हैं, लेकिन अपने देश के संबंध में ऐसा नहीं करती हैं।’’ अमेरिकी साइबर सुरक्षा फर्म ‘मैंडिएंट’ की रिपोर्ट के अनुसार नवीनतम साइबर हमलों में बाराकुडा नेटवर्क ईमेल को निशाना बनाया गया और दक्षिण पूर्व एशिया में विदेश मंत्रालयों, ताइवान और हांगकांग में अन्य सरकारी एजेंसियों, व्यापार कार्यालयों और शैक्षणिक संगठनों को लक्षित किया गया। बाराकुडा ने छह जून को घोषणा की थी कि उसके कुछ ईमेल सुरक्षा उपकरणों को अक्टूबर की शुरुआत में हैक कर लिया गया था। मैंडिएंट ने कहा कि ईमेल हमले उन मुद्दों पर केंद्रित हैं जो चीन के लिए खासकर एशिया प्रशांत क्षेत्र में प्राथमिकताएं हैं।
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