Friday, November 22, 2024
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अमेरिका को "मिट्टी में मिलाने वाला था चीन", यूएस के रेल नेटवर्क समेत बुनियादी ढांचों को हैक करने की थी योजना

अमेरिका ने चीनी साजिश का बड़ा पर्दाफाश किया है। अमेरिका के दावे के अनुसार चीनी हैकर्स उसके रेल नेटवर्क समेत पाइपलाइन परियोजनाओं और महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचों पर साइबर हमला करने के फिराक में थे और अभी भी हैं।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: May 26, 2023 9:54 IST
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकन प्रेसिडेंट जो बाइडेन- India TV Hindi
Image Source : FILE चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकन प्रेसिडेंट जो बाइडेन

चालबाज चीन "अमेरिका को मिट्टी में मिलाने की साजिश" में था और अभी भी जुटा है। चीनी हैकरों का नेटवर्क अमेरिका की रेलवे प्रणालियों समेत सभी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों और पाइपलाइन प्रोजेक्टों को हैक करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस बात की जानकारी होने पर अमेरिका के खुफिया और सुरक्षा विभाग में भी हड़कंप मच गया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को चीनी हैकरों की इस साजिश से सचेत करने वाली चेतावनी पूरे देश में जारी कर दी है। जिसमें कहा गया है कि चीन अमेरिका की पाइपलाइनों, रेल प्रणालियों सहित बुनियादी ढांचे को हैक कर सकता है। शोधकर्ताओं ने जांच में पाया कि चीन अमेरिका के सभी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों पर साइबर हमले की योजना बना चुका है और वह इसमें सक्षम भी है। इतना ही नहीं, चीन का हैकिंग समूह ऐसे सभी अमेरिकी नेटवर्क की जासूसी भी कर रहा है।

अमेरिका की सेना से लेकर सरकारी विभाग भी चीन के निशाने पर

जांच में पता चला है कि अमेरिकी सेना से लेकर अन्य समस्त सरकारी विभाग चीनी हैकरों के निशाने पर थे और अभी भी हैं। अमेरिका के अलावा कई अन्य पश्चिमी देशों पर भी चीन साइबर हमला करने की फिराक में है। इस बाबत अमेरिका ने बहु-राष्ट्र चेतावनी जारी की है। इसमें बताया गया है कि चीनी द्वारा साइबर-जासूसी अभियान संयुक्त राज्य अमेरिका में सैन्य और सरकारी लक्ष्यों को निशाना बनाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। हालांकि चीनी सरकार ने अमेरिका के इस दावे को खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा जारी यह चेतावनी को "सामूहिक दुष्प्रचार अभियान" है। हमारे द्वारा अमेरिका या किसी पश्चिमी देश को टार्गेट नहीं किया जा रहा है।

खतरे से निपटने को अमेरिका सतर्क
चीन की चाल को पहचानने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे अभी भी खतरे से निपटने की प्रक्रिया में हैं। रॉयटर न्यूज एजेंसी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के साइबर सुरक्षा निदेशक रॉब जॉयस ने बताया, "हमारे पास कम से कम एक स्थान था, जिसके बारे में हमें पता नहीं था.. क्योंकि हंट गाइड जारी किया गया था जो डेटा और जानकारी के साथ प्रकाश में आया था। फिलहाल चीनी जासूसों का पता लगाने के लिए अमेरिकी एजेंसी ने अपने महत्वपूर्ण सेवा प्रदाताओं को तकनीकी विवरणों का खुलासा किया है। यूएस साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (सीआईएसए) ने अलग-अलग बयान में कहा है कि वह चीन की "संभावित घुसपैठ और संबंधित प्रभावों के असर" को समझने के लिए काम कर रहे हैं।

चीन की साजिश के नाकाम करने में जुटी अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां
चीनी हैकरों की मंसा का पर्दाफाश होने के बाद अब अमेरिकी सुरथक्षा एजेंसिया ड्रैगन की हर साजिश को नाकाम करनें जुट गई हैं। सीआइएसए के कार्यकारी सहायक निदेशक, एरिक गोल्डस्टीन ने बताया कि इस चेतावनी से उन्हें जहां जरूरत होगी वहां सहायता प्रदान करने और दुश्मन की रणनीति को अधिक प्रभावी ढंग से समझने में मदद मिलेगी। शोधकर्ताओं और अधिकारियों के अनुसार चीन की नियमित जासूसी के कार्यों की तुलना में इस गुप्त जासूसी कार्य के खिलाफ बचाव बड़ी चुनौती है। गोल्डस्टीन ने कहा, "इन मामलों में विरोधी अक्सर लक्ष्य नेटवर्क पर अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पहुंच प्राप्त करने के लिए वैध साख और वैध नेटवर्क प्रशासन उपकरण का उपयोग कर रहे हैं, जिन्हें पहचान के कई पारंपरिक तरीके जैसे एंटीवायरस, इन घुसपैठों को नहीं ढूंढ पाएंगे।

माइक्रोसॉफ्ट ने की पहचान
चीन की इस गुप्त जासूसी और साजिश का पता माइक्रोसॉफ्ट के विश्लेषकों ने लगाया, जिसे उन्होंने वोल्ट टाइफून करार दिया। कहा कि चीन की यह साजिश "भविष्य के संकटों के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और एशिया क्षेत्र के बीच महत्वपूर्ण संचार बुनियादी ढांचे को बाधित कर सकता है। ताइवान और अन्य मुद्दों पर अमेरिका-चीन के बीच तनाव को बढ़ने के दौरान यह एक इशारा भी है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "अमेरिकी खुफिया समुदाय का आकलन है कि चीन लगभग निश्चित रूप से साइबर हमले शुरू करने में सक्षम है जो तेल और गैस पाइपलाइनों और रेल प्रणालियों सहित संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा सेवाओं को बाधित कर सकता है।""जनता में सरकार और नेटवर्क रक्षकों को जनता में इसके लिए सतर्क रहना महत्वपूर्ण है।" बता दें कि प्रमुख औपनिवेशिक पाइपलाइन के 2021 में हैक होने के बाद अमेरिकी एजेंसियां ​​अपने बहुसंख्यक-निजी तौर पर आयोजित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा उद्योग में बेहतर साइबर सुरक्षा प्रथाओं पर जोर दे रही हैं, जिससे यूएस ईस्ट कोस्ट की ईंधन आपूर्ति का लगभग आधा हिस्सा बाधित हो गया है।

अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक अलर्ट

चीनी साइबर हमले को लेकर सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन और उनके करीबी सहयोगी देशों की खुफिया एजेंसियों ने बुधवार को "वोल्ट टाइफून" के बारे में चेतावनी देने के लिए अलर्ट जारी किया। Microsoft ने कहा कि समूह ने गुआम के अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा संगठनों को लक्षित किया था और यह लक्ष्य के नेटवर्क में सेंध लगाने के लिए सुरक्षा फर्म फोर्टिनेट फोर्टीगार्ड उपकरणों का उपयोग कर रहा था। शोधकर्ता मार्क बर्नार्ड, जिनके संगठन सिक्योरवर्क्स ने वोल्ट टाइफून से जुड़ी कई घुसपैठों से निपटा है, ने कहा कि सिक्योरवर्क्स ने वोल्ट टाइफून द्वारा विनाशकारी गतिविधि का कोई सबूत नहीं देखा था, लेकिन इसके हैकर्स उन सूचनाओं को चोरी करने पर केंद्रित थे जो "अमेरिकी सैन्य गतिविधियों पर प्रकाश डालेंगे।

" एनएसए के जॉयस ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वोल्ट टायफून विघटनकारी हमलों को अंजाम देने की स्थिति में था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा जारी किए गए अलर्ट का उद्देश्य उनके खुफिया गठबंधन को बढ़ावा देना था, जिसे फाइव आईज के रूप में जाना जाता है और यह वाशिंगटन था  जो हैकिंग का दोषी था। माओ ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका हैकिंग का साम्राज्य है।"

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