वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दावा किया है कि 4 देशों के समूह क्वाड में शामिल होने के पीछे का कारण चीन था। उन्होंने कहा कि विदेश नीति को लेकर स्वतंत्र रुख अपनाने वाले भारत को चीन के आक्रामक कदमों के कारण अपनी रणनीतिक स्थिति में बदलाव करना पड़ा और वह Quad में शामिल हुआ। बता दें कि भारत और चीन के बीच 31 महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध जारी है।
‘क्वाड में भारत की हुई थी वाइल्ड कार्ड एंट्री’
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 में घातक झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। भारत का कहना है कि जब तक बॉर्डर शांति स्थापित नहीं हो जाती, द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते। पोम्पिओ ने मंगलवार से बाजार में आई अपनी किताब ‘नेवर गिव एन इंच: फाइटिंग फॉर अमेरिका आई लव’ में भारत को क्वाड में ‘वाइल्ड कार्ड’ एंट्री बताया, क्योंकि वह समाजवाद की विचारधारा पर स्थापित राष्ट्र है और उसने कोल्ड वॉर के दौरान न तो अमेरिका और न ही तत्कालीन USSR का साथ दिया था।
‘पिछले कुछ साल में भारत का रुख बदला है’
पोम्पिओ ने अपनी पुस्तक में लिखा, ‘इस देश ने किसी भी वास्तविक गठबंधन प्रणाली के बिना अपना रास्ता खुद बनाया है और मोटे तौर पर अब भी ऐसा ही है, लेकिन चीन के कदमों के कारण भारत ने पिछले कुछ साल में अपना रणनीतिक रुख बदला है।’ पोम्पिओ ने बताया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन किस तरह क्वाड में भारत को शामिल करने में कामयाब रहा। अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने संसाधनों से संपन्न हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागिरी से निपटने के लिए क्वाड का गठन किया था।
‘चीन ने पाकिस्तान के साथ करीबी बढ़ाई’
पोम्पिओ ने लिखा, ‘चीन ने अपने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के जरिए भारत के कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ करीबी बढ़ाई। चीनी बलों ने जून 2020 में सीमा पर झड़पों में 20 भारतीय जवानों की हत्या कर दी। उस घटना के कारण भारतीय जनता ने चीन के साथ अपने देश के संबंधों में बदलाव की मांग की। भारत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए टिकटॉक और दर्जनों चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। इस बीच, एक चीनी वायरस लाखों भारतीय नागरिकों की जान ले रहा था।’
पोम्पिओ ने शिंजो आबे को भी किया याद
पोम्पिओ ने कहा, ‘मुझसे कभी-कभी पूछा जाता था कि भारत चीन से दूर क्यों चला गया और मैं भारत का ही स्टैंड बता देता था कि ऐसे में आप क्या करते? वक्त बदल रहा है और हमारे लिए कुछ नया करने की कोशिश करने और अमेरिका और भारत को पहले से ज्यादा करीब लाने के मौके पैदा कर रहा है।’ पोम्पिओ ने अपनी किताब में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को असाधारण साहस और दूरदृष्टि वाला वैश्विक नेता बताया है। उन्होंने साहस दिखाने और चीनी आक्रामकता के खिलाफ खड़े होने के लिए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की भी तारीफ की है।