वाशिंगटनः फिलिस्तीन समर्थकों का इजरायल विरोधी प्रदर्शन अमेरिका में अब बहुत व्यापक हो गया है। कैलिफोर्निया से लेकर देश के सभी विश्वविद्यालय लगभग इसकी चपेट में आ गए हैं। इजरायल विरोधी इस प्रदर्शन में सिर्फ छात्र ही नहीं, बल्कि बाहरी लोग भी शामिल हैं। ऐसे में यह विरोध प्रदर्शन अब क्रांति का रूप लेता जा रहा है। इस बीच कोलंबिया में विश्वविद्यालय से लेकर, होटलों और अन्य जगहों पर पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है। इस दौरान न्यूयॉर्क के एक डॉक्टर समेत 47 इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है। यह सभी छात्र नहीं हैं।
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार मंगलवार की रात जब पुलिस ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और न्यूयॉर्क के सिटी कॉलेज में शिविरों पर छापा मारा तो कई आंदोलनकारियों का भंडाफोड़ हुआ, जो अनुभवी इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारी थे। यह अमेरिका के बिग एप्पल स्कूलों में भी नहीं जाते थे। यानि यह वहां के छात्र भी नहीं थे, मगर विद्यार्थी के रूप में ही प्रोटेस्ट में शामिल होकर उत्पात मचा रहे थे। हिरासत में लिए गए कुछ लोगों के बारे में अधिक जानकारी बुधवार को सामने आई, जब मेयर एरिक एडम्स ने विरोध प्रदर्शनों से घिरे कॉलेज परिसरों में अराजकता फैलाने के लिए "बाहरी आंदोलनकारियों" को दोषी ठहराया। मैनहट्टन के दोनों स्कूलों में इजरायल विरोधी प्रदर्शनों को दबाने के लिए पुलिस की व्यापक एक्शन के चलते 280 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं।
फिलिस्तीन समर्थकों के शिविर पर हमले से बवाल
अमेरिका के लॉस एंजिलिस स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसीएलए) के परिसर में फलस्तीनी समर्थकों के शिविर पर प्रदर्शनकारियों के हमले को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं कर पाने पर प्रशासन और परिसर में तैनात पुलिस को कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है। यूसीएलए में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को फलस्तीन समर्थक और इजराइल समर्थक प्रतिद्वंद्वी समूहों में झड़प हो गई थी, जिसे रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बुलाया गया। इस दौरान किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया और झड़प में कम से कम 15 प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
इजरायल-हमास युद्ध को लेकर अमेरिकी कालेजों में प्रदर्शन और हिंसा तेज
अमेरिका के कुछ कॉलेज के परिसरों में इजराइल-हमास युद्ध को लेकर हिंसा की घटनाओं में हाल में तेजी आई है। ‘मुस्लिम पब्लिक अफेयर्स काउंसिल’ की ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ रेबेका हुसैनी ने बुधवार को लॉस एंजिलिस स्थित परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘समुदाय को यह लगना चाहिए कि पुलिस उनकी रक्षा कर रही है, ना कि दूसरों को उन्हें नुकसान पहुंचाने में सक्षम बना रही है।’’ यूसीएलए में जहां पुलिस के अधिक हस्तक्षेप की मांग की जा रही है, वहीं इसके विपरीत, अमेरिका के अन्य परिसरों में अधिकारियों की कार्रवाई की निंदा की जा रही है। मैडिसन स्थित विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय में बुधवार तड़के पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के तंबू नष्ट हटा दिए, जिसके बाद प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए।
30 स्थानों पर 1600 से अधिक गिरफ्तारियां
पुलिस कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी मंगलवार रात दाखिल हुई जहां युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारी जमा थे और उसने प्रदर्शन को समाप्त कराया। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 18 अप्रैल के बाद से अमेरिका में शैक्षणिक संस्थानों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 30 स्थानों से 1,600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यूसीएलए के चांसलर जीन ब्लॉक ने एक बयान में कहा कि शिविरों पर हमले की सभी निंदा करते हैं लेकिन ‘‘हमारे छात्रों, संकाय और समुदाय के सदस्यों पर यह हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’ कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसोम और लॉस एंजिलिस के मेयर ने देरी से कार्रवाई को लेकर निंदा की जिसके बाद ब्लॉक ने इन घटनाओं की जांच किए जाने का वादा किया।
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