वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहली बार चीन को रूस से संबंध रखने पर बेहद कड़े अंदाज में धमकी दी है। बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद करने के परिणाम चीन को भुगतने होंगे। बाइडेन ने साथ ही कहा कि कुछ यूरोपीय देश चीन में अपने निवेश में कटौती करने जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि शी जिनपिंग (चीन के राष्ट्रपति) इस बात को समझें कि प्रशांत बेसिन के साथ-साथ यूरोप को नुकसान पहुंचाने की कीमत चुकानी पड़ेगी । यही बात रूस तथा यूक्रेन के मुद्दे पर भी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे उदाहरण के लिए यदि आप चीन में निवेश करना चाहते हैं, तो इसमें 51 फीसदी चीन की हिस्सेदारी होना जरूरी है, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप उनके नियमों के अनुसार काम करें और अपने पास मौजूद सभी डेटा और जानकारी तक उन्हें पहुंच प्रदान करनी होगी।’’ वो बाजार कंपनियों को काफी मोहक लगता था, क्योंकि एक अरब से अधिक लोगों तक पहुंच मिलती थी। बाइडेन ने कहा,‘‘ वे ऐसा कर रहे थे लेकिन जब हमने यह कहना शुरू किया कि हम भी समान नियमों से काम करेंगे तो फिर उसमें कमी आई।
उदाहरण के लिए वे सरकारी वित्तपोषण द्वारा उत्पादों को रियायत देने संबंधी अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन नहीं करते। तो इस प्रकार वे बिना किसी महत्वपूर्ण शुल्क के अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को अमेरिका में निर्यात करने में सक्षम नहीं होंगें। अन्य देश भी दुनिया भर में यही कर रहे हैं, लेकिन यह चिंता का विषय है।
बाइडेन ने कहा-चीन से निपटने की रणनीति हमारे पास
चीन, उत्तर कोरिया, रूस, ईरान जैसे देशों में हो सकता है कि अतीत में समन्वय नहीं रहा हो, वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे कैसे प्रभाव डाल सकते हैं।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चीन से निपटने के लिए उनके पास एक रणनीति है। उन्होंने कहा,‘‘ इसके बारे में सार्वजनिक रूप से विस्तार से बात नहीं करूंगा। जब तक चीन, रूस को उसकी अर्थव्यवस्था में मदद करने के मामले में अप्रत्यक्ष समर्थन जारी रखता है और यूक्रेन में लड़ने की उनकी क्षमता में भी मदद करता है आप देखेंगे कि हमारे कुछ यूरोपीय मित्र चीन में अपने निवेश को कम करेंगे।’ (भाषा)
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