Highlights
- यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस के खिलाफ वैश्विक गठबंधन की तैयारी कर रहा अमेरिका
- यूरोप की पांच दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
- रूस को उसकी आक्रामकता के लिए उसे सबक सिखाना अमेरिका का अहम लक्ष्य
Biden Europe Visit: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस के खिलाफ वैश्विक गठबंधन की तैयारी कर रहे हैं। इस सिलसिले में वह यूरोप की पांच दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं, क्योंकि चार महीने पुराने रूस-यूक्रेन युद्ध के समाप्त होने के कोई संकेत नहीं हैं, जबकि इससे वैश्विक खाद्य व्यवस्था और ऊर्जा आपूर्ति की समस्या गंभीर होती जा रही है। बाइडन पहले जर्मनी के बवेरियन आल्प्स में G-7 की बैठक में शामिल होंगे और बाद में 30 नाटो देशों के नेताओं के साथ एक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मैड्रिड रवाना होंगे। बाइडन की यह यात्रा यूक्रेन को मजबूत करने और रूस को उसकी आक्रामकता के लिए उसे सबक सिखाने के लिए वैश्विक गठबंधन को एक साथ रूस के खिलाफ करना है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का दंश पूरी दुनिया झेल रही
रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण खाद्य और ऊर्जा की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसके पहले रूस के हमला शुरू करने के कुछ ही हफ्तों बाद मार्च में बाइडन की यूरोप यात्रा के बाद से यूक्रेन युद्ध अधिक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर गया। उस समय वह ब्रसेल्स में सहयोगियों से मिले, क्योंकि यूक्रेन में नियमित बमबारी हो रही थी। उन्होंने पोलैंड में पूर्वी यूरोप के भागीदारों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि उन्हें मास्को की घुसपैठ का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अमेरिका के सहयोगियों में इस बात पर मतभेद है कि उनका लक्ष्य केवल शांति बहाल करना है या रूस को संघर्ष की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक गहरी कीमत चुकाने के लिए मजबूर करना है। व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘‘हर देश अपने लिए बोलता है, हर देश को चिंता होती है कि वे क्या करने को तैयार है या नहीं है। लेकिन जहां तक गठबंधन की बात है, यह वास्तव में पहले कभी इतना अधिक मजबूत और व्यवहार्य नहीं रहा, जितना की आज है।’’
यूक्रेन के राष्ट्रपति वीडियो कांफ्रेंस के जरिए होंगे शामिल
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की वीडियो के जरिए दोनों शिखर सम्मेलनों को संबोधित करने के लिए तैयार हैं। अमेरिका और सहयोगियों ने उनके देश को अरबों डॉलर की सैन्य सहायता भेजी है और आक्रमण को लेकर रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं।