वाशिंगटन: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का विरोध अमेरिका में भी देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में अब अमेरिका में बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों ने विरोध जताया है। बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी लोगों ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश में धार्मिक एवं जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी अत्याचार के संबंध में हस्तक्षेप करें। बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी लोगों ने इस्लामी ताकतों से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए ‘अस्तित्व का संकट’ उत्पन्न होने का खतरा बताते हुए ट्रंप से बांग्लादेश में उनकी रक्षा में मदद का अनुरोध किया है।
बांग्लादेश में बढ़ रहा है कट्टरपंथ का खतरा
हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने के लिए ट्रंप से आग्रह करते हुए समूह को लोगों ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथ का खतरा बढ़ रहा है, जिसका ना केवल दक्षिण एशिया, बल्कि शेष विश्व पर भी दूरगामी प्रभाव हो सकता है। ट्रंप को संबोधित एक ज्ञापन में समूह ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में बांग्लादेश की भागीदारी को आंतरिक जातीय और धार्मिक उत्पीड़न की समाप्ति से जोड़ने का सुझाव दिया।
कानून बनने से मिलेगी सुरक्षा
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ज्ञापन में अल्पसंख्यकों और स्वदेशी समूहों को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने के लिए एक व्यापक अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम का भी प्रस्ताव रखा गया है। विज्ञप्ति के अनुसार, प्रमुख सिफारिशों में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सुरक्षित क्षेत्रों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए अलग चुनावी व्यवस्था और धार्मिक प्रथाओं एवं सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए अपराध को भड़काने वाले एवं नफरती भाषण के खिलाफ कानून बनाना शामिल है। (भाषा)
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