वॉशिंगटन: भारतीय अमेरिकी समुदाय अगले साल ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से बांग्लादेश के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील करेगा। समुदाय की मांगों में बांग्लादेशी शासन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की मांग भी शामिल है। समुदाय ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और मंदिरों में हो रही तोड़फोड़ के खिलाफ यह कदम उठाने का फैसला किया है। इस मुद्दे को लेकर डॉ. भारत बराई, एक प्रमुख भारतीय अमेरिकी डॉक्टर और भारतीय अमेरिकी समुदाय के नेता, सक्रिय रूप से अमेरिकी नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। बता दें कि ट्रंप अगले साल जनवरी में अमेरिका की सत्ता संभालेंगे।
‘ट्रंप एक साहसी और निर्णायक नेता हैं’
डॉ. बराई ने कहा, 'नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और मंदिरों की तोड़फोड़ पर बड़ा बयान दिया था। ट्रंप एक साहसी और निर्णायक नेता हैं, और अगर स्थिति में सुधार नहीं होता, तो मुझे उम्मीद है कि वह बांग्लादेश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर विचार करेंगे।' उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री, पर अगर प्रतिबंध लगाया जाता है तो इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान होगा और वहां के नागरिकों के लिए बड़ा संकट पैदा हो सकता है। बता दें कि बांग्लादेश की एक बड़ी आबादी टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़ी हुई है।
‘...तो अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा कम हो सकती है’
डॉ. बराई ने बांग्लादेश की राजनीति को लेकर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली मौजूदा बांग्लादेशी सरकारसेना के प्रभाव में है। उनका मानना है कि बांग्लादेश की सरकार असल में वहां की सेना असल में चला रही है। उन्होंने कहा, 'हिंदू अमेरिकी समुदाय के लोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न को लेकर अमेरिका के सांसदों और प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद करते हैं। अगर हालात में सुधार नहीं आता तो हम कांग्रेस से इस पर कड़े कदम उठाने की अपील करेंगे।' उनका मानना है कि अगर अमेरिका अगर बांग्लादेश की सरकार पर कार्रवाई के जरिए दबाव डालेगा तो वहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा कम हो सकती है।
ट्रंप ने बांग्लादेश के हालात पर दिया था बड़ा बयान
डॉ. बराई ने भारत सरकार से भी अपील की कि अगर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी रहते हैं, तो भारत को भी बांग्लादेश के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों जैसे कदम उठाने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति को लेकर भारत को भी अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि वहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा हो सके। डॉ. बराई ने ट्रंप के उस बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की थी। 5 नवंबर को अमेरिकी चुनाव से पहले एक बयान में ट्रंप ने कहा था, 'मैं बांग्लादेश में हिंदू, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे बर्बर हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। यह कभी भी मेरे शासनकाल में नहीं होता।'
‘डेमोक्रेटिक पार्टी ने इन घटनाओं को नजरअंदाज किया’
डॉ. बराई ने आरोप लगाया है कि डेमोक्रेटिक पार्टी ने इन घटनाओं को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि अब बांग्लादेश में सिर्फ हिंदू नहीं, बल्कि मुसलमान भी इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि देश में लोकतांत्रिक सरकार को हटाने में बाहरी ताकतों की भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिका और यूरोप में रहने वाले कुछ प्रमुख व्यक्तियों, जैसे जॉर्ज सोरोस और पीटर ओमिडियार, इस संकट के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। (पीटीआई)