न्यूयॉर्क (अमेरिका): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूयॉर्क में अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ गोलमेज सम्मेलन करके चीन के होश उड़ा दिए हैं। अमेरिका की दिग्गज कंपनियां अब भारत में पीएम मोदी की ओर से तैयार की गई "मेड इन इंडिया" की पटरी पर दौड़ने को बेताब हैं। वजह साफ है कि अमेरिका की दिग्गज कंपनियों में भारत में अपार और बड़ा बाजार दिख रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत में तीव्र विकास की संभावनाओं ने अमेरिकी कंपनियों के सपनों को पंख लगा दिया है। ऐसे में तमाम कंपनियां चीन से पलायन कर भारत में अपना कारोबार शुरू करने के मूड में हैं। यह चीन के लिए सदी का सबसे बड़ा झटका होगा।
पीएम मोदी ने अपनी 3 दिवसीय अमेरिका यात्रा के दूसरे दिन रविवार को ‘लोट्टे न्यूयॉर्क पैलेस होटल’ में दिग्गज अमेरिकी कंपनियों के साथ सार्थक बैठक की। इसमें एआई, ‘क्वांटम कंप्यूटिंग’ और ‘सेमीकंडक्टर’ जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाली अमेरिका की 15 प्रमुख कंपनियों के सीईओ ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और भारत का बाजार अमेरिकी कंपनियों को लुभा रहा है। यही वजह है कि ज्यादातर अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश का मौका पाना चाहती हैं।
मोदी के ट्वीट से चीन को झटका
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी की दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की सूचना जब सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया तो चीन तक खलबली मच गई। चीन को शायद यह उम्मीद भी नहीं रही होगी कि मोदी के जादू पर अमेरिका कंपनियां इतनी अधिक फिदा हो जाएंगी। प्रधानमंत्री ने पोस्ट में लिखा ‘‘न्यूयॉर्क में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों के सीईओ के साथ सार्थक गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया। प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष और अन्य विषयों से संबंधित पहलुओं पर चर्चा की। इस क्षेत्र में भारत की प्रगति पर उनके आशावादी दृष्टिकोण को देखकर मुझे खुशी हुई।’’ विदेश मंत्रालय के अनुसार, सम्मेलन के दौरान मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (आईसीईटी) जैसे प्रयास भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के मूल में हैं।
ये दिग्गज रहे गोलमेज सम्मेलन में मौजूद
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग’ द्वारा आयोजित इस गोलमेज सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, अडोब के सीईओ शांतनु नारायण, एक्सेंचर की सीईओ जूली स्वीट और एनवीआईडीआईए के सीईओ जेन्सेन हुआंग सहित शीर्ष अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ शामिल हुए। अन्य लोगों में एएमडी की सीईओ लिजा सु, एचपी इंक के सीईओ एनरिक लोरेस, आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा, मॉडर्ना के चेयरमैन डॉ.नौबर अफयान और वेरिजॉन के सीईओ हैंस वेस्टबर्ग शामिल थे। बौद्धिक संपदा की सुरक्षा और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता के बारे में उद्योगपतियों को आश्वस्त करते हुए मोदी ने देश में विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माण और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में हो रहे आर्थिक परिवर्तन पर प्रकाश डाला।
सेमीकंडक्टर का ग्लोबल सेंटर बनने की राह पर भारत
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत को ‘‘सेमीकंडक्टर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र’’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। देश को ‘बायोटेक पावरहाउस’ के रूप में विकसित करने के लिए भारत की ‘बायो ई3’ (पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति के बारे में भी बात की। उन्होंने एआई के विषय पर कहा कि भारत की नीति सभी के लिए एआई को बढ़ावा देने तथा इसके नैतिक और जिम्मेदारी से उपयोग पर आधारित है। सीईओ ने ऐसे वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में भारत के बढ़ते प्रभुत्व की सराहना की, जो इसकी नवोन्मेष-अनुकूल नीतियों और समृद्ध बाजार के अवसरों से प्रेरित है। उन्होंने भारत के साथ निवेश और सहयोग करने में भी गहरी रुचि व्यक्त की।
सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य लोगों में बायोजेन इंक के सीईओ क्रिस विहबैकर, ब्रिस्टल मायर्स स्क्विब के सीईओ क्रिस बोर्नर, एली लिली एंड कंपनी के सीईओ डेविड ए रिक्स, एलएएम रिसर्च के सीईओ टिम आर्चर, ग्लोबलफाउंड्रीज के सीईओ थॉमस कौलफील्ड और किंड्रिल के सीईओ मार्टिन श्रोएटर शामिल थे। (इनपुट-भाषा)