रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बुधवार को हुई मुलाकात ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। दोनों देशों के प्रमुख ने मुलाकात में एक-दूसरे के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति जताई है। हालांकि, पश्चिमी देशों को शक है कि इस मुलाकात के बहाने रूस और उत्तर कोरिया हथियारों की डील करना चाहते हैं, जिससे यूक्रेन में जारी युद्ध का रुख बदला जा सके।
क्या हुआ मुलाकात में?
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने रूस के वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में करीब 4 घंटे तक बैठक की। किम जोंग अपनी ट्रेन से रूस पहुंचे थे। पुतिन ने किम को रूस का आधुनिक अंतरिक्ष रॉकेट प्रक्षेपण स्थल दिखाया। पुतिन ने बैठक के बाद जानकारी दी कि रूस सैटेलाइट बनाने में उत्तर कोरिया की मदद करेगा। पुतिन ने कहा कि दोनों नेता इसलिए यहां आए हैं। इस दौरान पुतिन ने ऐसे कई संकेत दिए कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग पर चर्चा हुई।
अमेरिका भड़का
पुतिन और किम के बीच हुई बैठक पर अमेरिका की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर उत्तर कोरिया और रूस के बीच हथियारों की डील होती है तो अमेरिकी प्रशासन रूस और उत्तर कोरिया पर और अधिक प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेगा। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि दोनों देशों के बीच डील से यूएनएससी के प्रस्तावों का उल्लंघन हो सकता है।
रूस को चाहिए मदद
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मिलर ने कहा कि रूस मदद की तलाश में पूरी कोशिश कर रहा है क्योंकि उसे यूक्रेन में अपनी सेना को बनाए रखने में परेशानी हो रही है। रूस अब खुले तौर पर उस देश के साथ हो रहा है जिसपर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है। उन्होंने कहा कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग चिंता की बात है।
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