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अरुणाचल पर चीन के दावे को अमेरिका की सीधी चेतावनी, भारत के स्टैंड की तारीफ की, सदन में पेश किया प्रस्ताव

चीन द्वारा सैन्य ताकत से एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिशों, विवादित स्थानों पर चीन द्वारा गांव बसाने और चीन के नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की भी अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Mar 15, 2023 13:51 IST, Updated : Mar 15, 2023 13:51 IST
अमेरिकी सीनेट
Image Source : FILE PHOTO अमेरिकी सीनेट

अमेरिका ने चीन और अरुणाचल प्रदेश को बांटने वाली मैकमहोन लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा माना है। अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए चीन को चेतावनी भी डे डाली है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के इलाके में मैकमोहन लाइन को भारत और चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा माना है। इस प्रस्ताव को सीनेटर जेफ मर्कले, बिल हैगर्टी ने पेश किया था, जिसमें चीन के यथास्थिति बदलने की कोशिश की निंदा की गई थी। 

'भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो अमेरिका'

प्रस्ताव पेश करने वाले सांसद बिल हागेर्टी और जेफ मार्कले ने कहा, "जब चीन लगातार खुले और आजाद हिंद प्रशांत महासागर के लिए चुनौती बना हुआ है। ऐसे में जरूरी है कि अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो, खासकर भारत के साथ।" प्रस्ताव में अमेरिका-भारत के बीच की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और क्वाड में सहयोग बढ़ाने की बात भी कही गई है। बता दें कि अमेरिकी संसद का यह प्रस्ताव ऐसे वक्त आया है, जब एलएसी के पूर्वी सेक्टर में चीन के सैनिकों और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पें हो चुकी हैं। 

'अरुणाचल को अमेरिका भारत का अभिन्न अंग मानता है'

प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका, अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता है ना कि चीन का। चीन द्वारा सैन्य ताकत से एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिशें, विवादित स्थानों पर चीन द्वारा गांव बसाने और चीन के नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की भी अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की। साथ ही भूटान की सीमा में चीन के दावे की भी आलोचना की गई है। अमेरिकी सदन की दोनों पार्टियों द्वारा संयुक्त रूप से पेश किए गए इस प्रस्ताव में चीन की भड़काऊ कार्रवाई के विरोध में भारत के स्टैंड की तारीफ भी की गई है और भारत के साथ तकनीकी, आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया है। 

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