अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के दौरान भारतीय सैनिकों और पीएलए के बीच हुई झड़प की घटना पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है। दोनों ही परमाणु हथियारों से संपन्न देश हैं और अगर इन दोनों के बीच सैन्य टकराव हुआ तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। फिलहाल तवांग के जिस इलाके में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, वहां शांति बनी हुई है।
हम हालात पर बारीक नजर रखे हुए हैं-अमेरिका
इस बीच अमेरिका की ओर से इस घटना पर पहली प्रतिक्रिया आई है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा-'हमें खुशी है कि दोनों पक्ष जल्दी से अलग हो गए। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और भारत और चीन को विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।'
पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा-'अमेरिकी सहयोगियों और इंडो-पैसिफिक में हमारे भागीदारों के इलाकों में चीन का अतिक्रमण उसकी प्रवृति का संकेत देती है। हम अपने भागीदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग बने रहेंगे। हम हालात को नियंत्रित करने के लिए भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं।'
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तनाव कम करने का आह्वान किया
उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी दोनों देशों से सीमा पर तनाव को कम करने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने बयान में कहा, 'भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उसे अपनी चौकियों पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल हो गए।' सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रयास को विफल कर दिया।
संरा महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से जब इस मुद्दे पर टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, 'हां, हमनें खबरें देखी हैं। हम तनाव कम करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि इलाके में तनाव और न बढ़े।' चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य माध्यमों से सीमा संबंधी मुद्दों पर सुचारू सपंर्क बनाए रखा है। जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प है।