Highlights
- बड़ा आतंकी हमला से बचा अमेरिका
- पाकिस्तानी डॉक्टर IS के साथ मिलकर कर रहा था साजिश!
- एफबीआई के मुखबिरों को IS का सदस्य समझ दी जानकारी
America News: पाकिस्तान के एक डॉक्टर और मायो क्लिनिक के पूर्व कर्मचारी ने मंगलवार को आतंकवाद संबंधी एक आरोप स्वीकार कर लिया। उसने दो साल से अधिक समय पहले संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के मुखबिरों को यह बताया था कि वह इस्लामिक स्टेट समूह के प्रति निष्ठा रखता है और अमेरिका में हमलों को अंजाम देना चाहता है। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत के ऑनलाइन उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, मोहम्मद मसूद ने एक विदेशी आतंकवादी संगठन को साजो सामान संबंधी सहयोग मुहैया कराने के प्रयास का एक आरोप स्वीकार कर लिया। अभी यह नहीं बताया गया है कि सजा किस दिन सुनायी जाएगी।
मसूद ने FBI के मुखबिरों को IS का सदस्य समझा
अभियोजकों ने बताया कि मसूद कार्य वीजा पर अमेरिका आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मसूद ने एफबीआई के मुखबिरों को इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह के सदस्य समझकर जनवरी 2020 से कई जानकारियां दीं। उसने बताया कि वह इस समूह तथा इसके नेता के प्रति निष्ठा रखता है। अभियोजकों ने बताया कि मसूद ने आईएस के लिए लड़ने के लिए सीरिया जाने तथा अमेरिका में अकेले हमलों को अंजाम देने का इरादा जताया था। मायो क्लिनिक ने पहले पुष्टि की थी कि मसूद मिनेसोटा में रोचेस्टर के एक चिकित्सा केंद्र में उसका पूर्व कर्मचारी था लेकिन वह गिरफ्तारी के वक्त क्लिनिक में काम नहीं करता था।
आतंकवाद विरोधी अभियान चला रहा अमेरिका
बता दें, अमेरिका आतंकवाद विरोधी अभियान चला रहा है। इसके तहत इसी महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान में अल कायदा के चीफ और कुख्यात आतंकी 'अयमान अल-जवाहिरी' को मारा गिराया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुद इस बात की पुष्टि की। साल 2011 में दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादी की मौत के बाद जवाहिरी ने अल कायदा को अपने कंट्रोल में ले लिया था। कई सारी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अल जवाहिरी और ओसामा बिन लादेन अमेरिका पर किए गए 9/11 हमले के मास्टरमाइंड थे। ओसामा और जवाहिरी अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल थे।