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चीन से युद्ध की तैयारी में जुटा अमेरिका, PLA का सर्वनाश करने के लिए तैयार करवा रहा हजारों रोबोट लड़ाके

चीन के खतरनाक इरादों को भांप कर अब अमेरिका भी युद्ध की तैयारी में जुट गया है। अमेरिका को लगता है कि चीन उसके खिलाफ हमले की तैयारी कर रहा है। इसलिए अब अमेरिका ने भी चीन के खिलाफ युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अमेरिका हजारों रोबोट लड़ाके तैयार करवा रहा है। इससे चीनी सेना का सर्वनाश हो जाएगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 31, 2023 17:25 IST, Updated : Aug 31, 2023 17:29 IST
रोबोट की प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : AP रोबोट की प्रतीकात्मक फोटो

क्या तीसरे विश्व युद्ध की घंटी बच चुकी है, क्या तीसरा विश्वयुद्ध मानवता के लिए सबसे भयावह साबित होने वाला है, क्या तीसरा विश्वयुद्ध ही दुनिया के खात्मे का गवाह बनेगा...? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि अमेरिका और चीन ने एक दूसरे के खिलाफ युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि कई बार अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में ये दावा किया जा चुका है कि चीन उसके खिलाफ युद्ध की तैयारी में जुटा है। इसके बाद अब अमेरिका ने भी चीन को जवाब देने के लिए युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। मगर अमेरिका इस युद्ध को रोबोट के जरिये लड़ने की स्ट्रेटेजी बना रहा है। इसके लिए यूएसए हजारों रोबोट लड़ाके तैयार करवा रहा है। अगर वाकई दोनों देश भिड़े तो यह सदी का पहला युद्ध होगा, जो रोबोट के जरिये लड़ा जाएगा।

अमेरिका की उप रक्षा मंत्री कैथलीन हिक्स ने सोमवार को अपने एक भाषण में घोषणा की कि उनके देश की सेना चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए अगले दो वर्षों में हजारों रोबोट (स्वायत्त हथियार प्रणालियों का) उपयोग शुरू करने की योजना बना रही है। अमेरिका की रेप्लिकेटर पहल का उद्देश्य सेना की सभी शाखाओं के लिए अत्यधिक संख्या में किफायती प्रणालियों का उत्पादन करने के वास्ते रक्षा और अन्य तकनीकी कंपनियों के साथ समन्वय करना है। पिछले करीब एक दशक के आसपास विभिन्न स्तरों में स्वतंत्र संचालन के लिए सक्षम सैन्य प्रणालियाँ तेजी से सामान्य हुई हैं, लेकिन अमेरिकी घोषणा स्पष्ट करती है कि युद्ध का भविष्य बदल गया है।

रोबोट लड़ाके चीनी सेना PLA का करेंगे खात्मा

अब पूरी दुनिया में विज्ञान और तकनीकि ने युद्ध का स्वरूप बदल डाला है। स्वचालित ड्रोन और मिसाइलें दुश्मनों के घर तबाही मचा रही हैं। ऐसे में अब दुनिया इससे एक कदम और आगे निकलने की तैयारी में है। अमेरिका नए युग की नई तकनीकि लेकर अब युद्ध के मैदान में उतरने की तैयारी में जुटा है। क्योंकि अब दौर ही रोबोट लड़ाकों का आ चुका है। इसलिए अमेरिका अब विचार को हकीकत में बदलने में जुट गया है। चीन के पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) का मुकाबला करने के लिए अमेरिका खतरनाक रोबोट बनानेमें जुट गया है। बीते दशक में, सैन्य उद्देश्यों के लिए उन्नत रोबोटिक प्रणालियों का खासा विकास हुआ है। इनमें से कई तो परिवर्तित वाणिज्यिक प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं, जो स्वयं अधिक सक्षम, सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध हो गई है। हाल ही में, ध्यान इस बात पर प्रयोग करने पर केंद्रित हो गया है कि युद्ध में इनका सर्वोत्तम उपयोग कैसे किया जाए। यूक्रेन में रूस के युद्ध ने दिखा दिया है कि वास्तविक दुनिया में तैनाती के लिए प्रौद्योगिकी तैयार है।

रूस-यूक्रेन में ड्रोन वॉर ने दिखाया युद्ध का नया स्वरूप

रूस-यूक्रेन युद्ध में बख्तरबंद वाहनों और तोपखाने का पता लगाने और उन पर हमला करने के लिए रोबोट हवाई वाहन का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है। यूक्रेनी नौसेना के हमलावर ड्रोनों ने रूस के काला सागर बेड़े को पंगु बना दिया है, जिससे उनके युद्धपोत बंदरगाह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। कभी सैन्य रोबोट के बारे में सोच विचार होता था, लेकिन अब इनका समय आ गया है। हर जगह रोबोट अपने भाषण में, अमेरिका की उप रक्षा मंत्री हिक्स ने युद्ध लड़ने के तरीके बदलने की तत्काल आवश्यकता रेखांकित की। उन्होंने घोषणा की कि नया रेप्लिकेटर प्रोग्राम अगले 18 से 24 महीनों के भीतर कई डोमेन में हजारों की संख्या में जिम्मेदार स्वायत्त प्रणालियों को पेश करेगा। ‘स्वायत्त’ का अर्थ एक ऐसा रोबोट है जो मानव हस्तक्षेप के बिना जटिल सैन्य अभियानों को अंजाम दे सकता है। ‘एट्रिटेबल’ का अर्थ है कि रोबोट इतना सस्ता है कि उच्च प्राथमिकता वाले मिशन में इसे जोखिम में डालने तथा खोने का खतरा मोल लिया जा सकता है।

जल, थल और नभ में तबाही मचाएंगे रोबोट लड़ाके

अमेरिका ऐसा रोबोट तैयार करवा रहा है, जो जल, थल और वायुसेना का विकल्प बनकर हर जगह तबाही मचाने को तैयार होंगे। ऐसा रोबोट बहुत किफायती होगा। इसलिए इन्हें बड़ी संख्या में खरीदा जा सकता है और युद्ध के नुकसान की भरपाई की जा सकती है। इन्हें ज़मीन पर, समुद्र में, हवा और अंतरिक्ष में तैनात किया जा सकता है। संक्षेप में कहा जाए तो सभी प्रकार के कार्यों के लिए हर जगह रोबोट तैनात किए जा सकते हैं। रोबोट मिशन अमेरिकी सेना के लिए, रूस एक ‘गंभीर खतरा’ है, लेकिन चीन ‘लगातार तेज होती चुनौती’ भी है, जिसके खिलाफ उसे अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत बनाना है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में अधिक लोग, अधिक टैंक, अधिक जहाज, अधिक मिसाइलें इत्यादि हैं। अमेरिका के पास भले ही बेहतर गुणवत्ता वाले उपकरण हो सकते हैं, लेकिन चीन संख्या के मामले में बाजी मार ले जाता है। रेप्लिकेटर प्रोग्राम अब हजारों ‘एट्रिटेबल ऑटोनॉमस सिस्टम’ का त्वरित निर्माण कर, अमेरिका को भविष्य के प्रमुख युद्ध जीतने के महत्वपूर्ण मदद देगा।  (द कन्वरसेशन)

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