न्यूयॉर्क: अमेरिका स्थित ‘मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (MIT) में पीएचडी कर रहे भारतीय मूल के एक छात्र को फलस्तीन समर्थक सक्रियता के कारण जनवरी 2026 तक निलंबित कर दिया गया है। भारतीय मूल के छात्र ने विश्वविद्यालय के फैसले के खिलाफ अपील की है। निलंबित किए गए छात्र का नाम प्रह्लाद अयंगर है। अयंगर ने कॉलेज की मैगजीन में प्रकाशित एक निबंध में शांतिवादी रणनीति की आलोचना करते हुए फलस्तीन के संदर्भ में अपनी बात रखी है।
कैंपस में एंट्री पर लगी रोक
आयंगर के लिखे निबंध का शीर्षक 'ऑन पैसिफिज्म' है। निबंध में पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फलस्तीन का लोगो भी शामिल था, जिसे अमेरिकी सरकार एक आतंकवादी संगठन मानती है। एमआईटी ने इस निबंध को हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला मानते हुए अयंगर की कैंपस में एंट्री पर रोक लगा दी है। यूनिवर्सिटी का मानना है कि निबंध में इस्तेमाल की गई भाषा और लोगो की मौजूदगी हिंसा को उकसाने वाली है।
पहले भी छात्र को किया गया था सस्पेंड
हालांकि, प्रह्लाद अयंगर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उनका मकसद सिर्फ अपनी राय व्यक्त करना था और उन्होंने हिंसा का समर्थन नहीं किया। वैसे यह पहली बार नहीं है जब अयंगर सस्पेंड हुए हैं। पिछले साल फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के कारण भी उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
प्रभावित होगा शैक्षणिक करियर
इस बीच ‘एमआईटी कोलिशन अगेंस्ट अपार्थेड’ नाम के एक संगठन ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि नेशनल साइंस फाउंडेशन के फेलो प्रह्लाद अयंगर को ‘‘जनवरी 2026 तक निलंबित’’ कर दिया गया है। संगठन ने कहा कि इस निलंबन से अयंगर की पांच वर्षीय एनएसएफ फेलोशिप समाप्त हो जाएगी और शैक्षणिक करियर प्रभावित होगा। (भाषा)
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