वाशिंगटन: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है और फिलहाल इसके थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग की बात को प्रमुखता देते हुए कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत यूक्रेन में स्थायी और न्यायपूर्ण शांति स्थापित करने के उसके प्रयासों का समर्थन करे। विदेश मंत्रालय के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हाल में हुई बैठकों के बारे में बृहस्पतिवार को पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बातें कहीं।
भारत है अमेरिका का साझेदार
वेदांत पटेल ने कहा, "भारत अनेक प्रमुख क्षेत्रों में हमारा साझेदार है, और यह बात पिछले ग्रीष्मकाल में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हुई थी, जब प्रधानमंत्री मोदी राजकीय यात्रा पर अमेरिका आए थे।” पटेल ने कहा, " इसके अलावा, यूक्रेन-रूस के बीच जारी जंग और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता पर उसके प्रभाव के संदर्भ में, हम भारत समेत अपने सभी साझेदारों से यूक्रेन में स्थायी व न्यायपूर्ण शांति स्थापित करने के प्रयासों का समर्थन करने का अनुरोध करते हैं।" विदेश मंत्रालय ने रूस से कहा कि वह यूक्रेन के संप्रभु क्षेत्र से अपने सैनिक वापस बुलाए।
पीएम मोदी ने की थी रूस की यात्रा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 8-9 जुलाई को रूस में थे। यूक्रेन में जारी संघर्ष के बीच पश्चिमी देशों की इस शिखर सम्मेलन पर गहरी नजर थी। रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से मोदी की यह पहली रूस यात्रा थी। 9 जुलाई को पुतिन के साथ वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और शांति के प्रयास बम व गोलियों के बीच सफल नहीं होते हैं।
मजबूत रहे हैं भारत और रूस के संबंध
भारत रूस के साथ अपने संबंधों का मजबूती के साथ बचाव करता रहा है तथा यूक्रेन संघर्ष के बावजूद दोनों देशों के संबंध मजबूत रहे हैं। भारत ने अभी तक 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है और वह लगातार बातचीत व कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की वकालत करता रहा है। (भाषा)
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