भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर देश में विभिन्न पार्टियों और लोगों की ओर से भिन्न-भिन्न बयान आते रहे हैं। मगर भारत में प्रेस को कितनी आजादी है और कितनी बंदिश...इसे लेकर अमेरिका ने बड़ा बयान दिया है। भारतीय प्रेस को स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका के इस बयान से बहुत से लोग सहमत या असहमत हो सकते हैं और बहुतों को चक्कर आ सकता है। आइए आपको बताते हैं कि दुनिया भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर क्या सोचती है?
अमेरिका के अनुसार भारत में प्रेस को काफी आजादी है। अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में लोकतंत्र का समर्थन करने में पत्रकारों की भूमिका की सराहना की है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री लू ने ‘कहा, ‘‘वहां कुछ भी गोपनीय नहीं रखा गया है। भारत में लोकतंत्र है, क्योंकि आपके पास एक स्वतंत्र प्रेस है जो वास्तव में काम करती है।’’ लू ने यहां कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मीडिया का बाजार बदल रहा है।
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान
अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री ने कहाकि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एक बार विदेश मंत्रालय का दौरा याद है, जहां एक वरिष्ठ अधिकारी को फाइल के ढेर के सामने काम करते देखा जो कि सूचना के अधिकार के आवेदन के जवाब के लिए काम कर रहा था।’’ लू ने कहा, ‘‘और वह (अधिकारी) ऐसा करते हुए शिकायत कर रहे थे और मैं केवल मुस्कुरा सकता था क्योंकि हमें अपनी नौकरशाही में वही काम करना पड़ता है, जहां अगर कोई दस्तावेज मांगता है, तो मुझे उसके लिए दस्तावेज खोजने में कई दिन बिताने पड़ते हैं, क्योंकि लोकतंत्र यही करता है।
’’ लू ने पत्रकारों की भूमिका और उनके द्वारा भारतीय लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए किए जाने वाले कार्यों की सराहना की। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, भारत 142.86 करोड़ लोगों के साथ दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है।