अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को रूस को चेताया कि अगर उसने यूक्रेन में दाखिल होने की कोशिश की तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि रूस अगर यूक्रेन में प्रवेश करने का फैसला लेता है तो उसे बेहद गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, जिनमें कड़े आर्थिक प्रतिबंध भी शामिल हैं। यही नहीं, मैं पूर्वी क्षेत्र (पोलैंड, रोमानिया आदि) में अमेरिकी सेना और नाटो की मौजूदगी बढ़ाने में भी गुरेज नहीं करूंगा।’
मंगलवार सुबह बाइडन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा, ‘रूसी बलों की तैनाती में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बेलारूस की पूरी सीमा पर रूसी सैनिक मौजूद हैं।’ बाइडन ने स्पष्ट किया कि अमेरिका की यूक्रेन में अपने सैनिकों या नाटो बलों को भेजने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूं कि अगर रूसी सेना यूक्रेन में दाखिल होती है तो इसके गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे।’
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाताओं को बताया कि सीमा पर एक लाख रूसी सैनिक मौजूद हैं, जो युद्ध भड़काने वाली बयानबाजी और कार्रवाई के जरिये दुनियाभर में दुष्प्रचार फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि यूक्रेन पर हमले की पृष्ठभूमि तैयार हो सके। साकी ने कहा, ‘हम कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता देंगे, लेकिन हम नहीं जानते कि राष्ट्रपति पुतिन के दिमाग में क्या चल रहा है। हमने सीमा पर आक्रामक कार्रवाई और तैयारियां देखी हैं।’
साकी ने क्षेत्र में तनाव घटाने की किसी भी कोशिश का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘हम यूक्रेन संकट को लेकर अपने कई सहयोगियों और साझेदारों के संपर्क में हैं। हालांकि, मेरे पास भारतीय अधिकारियों से चर्चा पर स्पष्ट रूप से बताने के लिए कुछ भी नहीं है। हम क्षेत्र में तनाव घटाने की हर कोशिश का स्वागत करते हैं।’