नई दिल्ली। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) इंडिया’ के खिलाफ आयकर विभाग के ‘सर्वे अभियान’ के बीच अमेरिका ने बड़ा बयान जारी किया है। पीएम मोदी और गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्युमेंट्री के खिलाफ इस आयकर सर्वे को पेश किया जा रहा है। इस अमेरिका ने कहा है कि वह ऐसा नहीं कह सकता। मगर वह प्रेस की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता के सार्वभौमिक अधिकारों के महत्व का समर्थन करता है। अमेरिका ने भारत के आयकर सर्वे को बीबीसी पर बदले की कार्रवाई मानने के सवाल का समर्थन नहीं किया है।
अमेरिका ने कहा है कि वह प्रेस की आजादी का हमेशा समर्थन करता है, जो भारत सहित दुनिया भर में ‘‘लोकतंत्र का आधार’’ हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने यह बयान ऐसे समय दिया जब एक दिन पहले आयकर विभाग ने कथित कर अपवंचना की जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों तथा दो अन्य संबंधित स्थानों पर ‘सर्वे अभियान’ शुरू किया। यह अभियान बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। प्राइस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम भारतीय कर अधिकारियों द्वारा दिल्ली में बीबीसी कार्यालयों की तलाशी लिए जाने के बारे में जानते हैं। आपको इस संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए भारतीय प्राधिकारियों के पास जाना चाहिए। प्राइस ने कहा, ‘‘हम दुनियाभर में स्वतंत्र प्रेस की महत्ता का समर्थन करते हैं। हम दुनियाभर में लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान देने वाले मानवाधिकारों के तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्म एवं आस्था की स्वतंत्रता की महत्ता पर जोर देते हैं। इसने इस देश में यहां लोकतंत्र को मजबूत किया है। इसने भारत के लोकतंत्र को मजबूत किया है।
आयकर विभाग ने कहा कि नोटिस पहले दिया गया था, जवाब नहीं देने पर हुई कार्रवाई
प्राइस ने कहा कि ये सार्वभौमिक अधिकार दुनियाभर के लोकतंत्रों का आधार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या यह कदम लोकतंत्र की भावना या मूल्यों के खिलाफ है, प्राइस ने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं कह सकता। हम इस तलाशी (सर्वे अभियान) के तथ्यों से अवगत हैं, लेकिन मैं कोई निर्णय देने की स्थिति में नहीं हूं।’’ बीबीसी द्वारा दो-भाग वाला वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित किए जाने के कुछ सप्ताह बाद आयकर विभाग की औचक कार्रवाई हुई।
कर अधिकारियों ने कहा कि सर्वे अंतरराष्ट्रीय कराधान और बीबीसी की सहायक कंपनियों के ‘‘ट्रांसफर प्राइसिंग’’ से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अतीत में बीबीसी को नोटिस दिया गया था लेकिन उसने उस पर गौर नहीं किया और उसका पालन नहीं किया तथा उसने अपने मुनाफे के खास हिस्से को अन्यत्र अंतरित किया। ‘सर्वे अभियान’ के तहत, आयकर विभाग केवल कंपनी के व्यावसायिक परिसर की ही जांच करता है और इसके प्रवर्तकों या निदेशकों के आवासों और अन्य स्थानों पर छापा नहीं मारता।
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