America on Khalistan: अमेरिका के विदश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने खालिस्तानी समर्थकों की हिंसक करतूतों को भी आतंकवाद का हिस्सा बताया और कहा कि अमेरिका आतंकवाद के सभी स्वरूपों की कड़ी निंदा करता है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खालिस्तानी समर्थकों की हाल के समय में आस्ट्रेलिया में हो रही हिंसक वारदातों के संदर्भ में उनसे सवाल पूछे जाने पर उन्होंने यह जवाब दिया। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करता है। ऐसे लोग जो अपने गलत लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं वे सभी आतंकवादी हैं। चाहे वे राजनीतिक हों या अन्य। उनका इशारा खालिस्तानी समर्थकों की हिंसक वारदातों पर था। उन्होंने स्पष्ट किया कि "इसलिए हम आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं। हम आतंकवाद की निंदा करते हैं। हम हिंसक अतिवाद की निंदा करते हैं। हम उन सभी की निंदा करते हैं जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं।
आतंकावद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा: नेड प्राइस
नेड प्राइस ने कहा कि हिंसा का सहारा लेने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हम दुनियाभर के आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने हर तरह के आतंकवाद को क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
ऑस्ट्रेलिया भी कर चुका है खालिस्तानी समर्थकों की निंदा
इससे पहले हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने भी उनके देश में चल रही खालिस्तानी समर्थकों की करतूतों पर अपना रूख स्पष्ट किया था। भारत की संप्रभुता के प्रति ऑस्ट्रेलिया के अटूट सम्मान पर जोर देते हुए ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने स्पष्ट किया कि उनके देश में खालिस्तान के जनमत संग्रह का कोई कानूनी आधार नहीं है। पत्रकारों से बात करते हुए ओ फैरेल ने कहा कि ब्रिस्बेन सहित धार्मिक पूजा स्थलों पर तोड़-फोड़ की घटनाओं से ऑस्ट्रेलियाई लोग भयभीत हैं। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने कहा, “पुलिस इन घटनाओं के लिये जिम्मेदार लोगों को पकड़ने की सक्रियता से कोशिश कर रही है।” उन्होंने कहा, “भारतीय संप्रभुता के प्रति ऑस्ट्रेलिया का सम्मान अटूट है।” उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने स्पष्ट किया है कि खालिस्तान द्वारा कराए जा रहे जनमत संग्रह को “ऑस्ट्रेलिया या भारत में कोई कानूनी मान्यता नहीं है”।
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