America Convinced of India and PM Modi:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ वर्षों के शासनकाल में भारत को किन बुलंदियों पर पहुंचा दिया है, इसका एहसास आपको भले न हो...लेकिन दुनिया के बड़े-बड़े देशों को यह बखूबी हो रहा है। तभी तो एक के बाद एक देश पीएम मोदी और उनके नेतृत्व में बदलते भारत की तारीफ करते थक नहीं रहे। अब अमेरिका ने भी भारत और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोहा माना है। पीएम मोदी के नेतृत्व में उभरती भारत की साख ने उसे ग्लोबल लीडर बना दिया है। यही वजह है कि अमेरिका भी कह रहा है कि उसे भारत को दोस्त कहना गर्व का एहसास दिला रहा है।
अमेरिका के सांसद जॉन कार्टर ने कहा कि भारतीयों को अमेरिका का मित्र कहना गर्व की बात है और वह भारत के साथ अमेरिका के संबंधों के प्रगाढ़ होने से उत्साहित हैं। कार्टर ने प्रतिनिधि सभा में कहा कि पिछले दशकों में लोकतंत्र और स्वशासन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता अटूट रही है और उसका भविष्य आज ‘‘पहले से कहीं अधिक उज्ज्वल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत के साथ अमेरिका के संबंधों के अनवरत मजबूत होने से उत्साहित हूं, जैसा कि पिछले 75 साल से जारी है और भारतीयों को हमारा मित्र बताने पर मुझे गर्व है।
भारत इतिहास का सबसे बड़ा लोकतंत्र
कार्टर ने कहा, ‘‘मैं ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आज (सदन में) खड़ा हुआ हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संसद ने 15 अगस्त, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया था, जिसने भारत को लगभग 90 वर्षों के बाद आधिकारिक तौर पर एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।’’ कार्टर ने कहा, ‘‘संसद के इस अधिनियम ने इतिहास के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्माण को चिह्नित किया, जो एक अरब से अधिक आबादी वाले मजबूत राष्ट्र का संचालन करता है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की हुई तरक्की
अमेरिका को अब इस बात को कहने में कोई गुरेज नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में बहुत से सकारात्म बदलाव आ चुके हैं। निरंतर भारत विकास के पथ पर दौड़ रहा है। भारत ने अब दुनिया के बहुत से देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। अब भारत की तुलना विश्व के सर्वाधिक ताकतवर देशों के समकक्ष तक पहुंच रही है। बात चाहे अर्थव्यवस्था की हो, टेक्नोलॉजी की हो, ताकतवर होती सेना की हो या फिर वैश्विक मंच पर अगुवाई करते नेतृत्व की...सभी मायनों में भारत ने एक नया मुकाम हासिल किया है। इसीलिए अब अमेरिका को कहना पड़ रहा है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में लोकतंत्र और स्वशासन के लिए अटूट प्रतिबद्धता देखने को मिल रही है। इसलिए ऐसे देश से अमेरिका को दोस्ती करना गर्व का एहसास दिला रहा है।