America-Iran: अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी काफी पुरानी है। ट्रंप के शासनकाल से ही अमेरिका ने ईरान पर प्रेशर बढ़ा दिया था। हाल के महीनों में ईरान और सउदी अरब के बीच चीन में हुई दोस्ती से अमेरिका को मिर्ची लग गई थी। ताजा मामले में अमेरिका ने अपने पूर्व अधिकारियों और असंतुष्टों की हत्या की साजिश के आरोप में ईरानियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अमेरिका ने अपने पूर्व सरकारी अधिकारियों तथा असंतुष्टों की हत्या की साजिश रचने के आरोपी ईरान तथा तुर्की के लोगों के एक समूह और कंपनियों के खिलाफ गुरुवार को प्रतिबंधों की घोषणा की। अमेरिका के वित्त विभाग के अनुसार, ईरान और तुर्की के तीन लोगों, ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर कुद्स फोर्स से जुड़ी एक कंपनी और ईरान के खुफिया संगठन के दो अधिकारी पत्रकारों और कार्यकर्ताओं की हत्या की साजिश रचने में शामिल होने के आरोपी हैं।
जिनकी हत्या हुई, उनके पास थी दोहरी नागरिकता
जिन पत्रकारों तथा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, उनके पास अमेरिका तथा ईरान की दोहरी नागरिकता थी। उनके खिलाफ प्रतिबंध से अमेरिका में उनके धन तथा संपत्ति पर रोक लग जाएगी और अमेरिकी नागरिकों तथा अमेरिकी कंपनियों पर उनके साथ काम करने की पाबंदी होगी।
गौरतलब है कि ईरान की अरब से दोस्ती के बाद से ही अमेरिका ज्यादा चिढ़ा हुआ है। चंद महीने पहले चीन में ईरान और सऊदी अरब दोनों देशों के विदेश मंत्री गए थे। यहां इन मंत्रियों ने चीन की मौजूदगी में बातचीत की। करीब 7 साल बाद ईरान और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी। इसके पीछे चीन की बड़ी भूमिका थी। चीन ने दोनों दुश्मन देशों की दोस्ती कराई थी।