
जूनो (अलास्का): अलास्का में हाल ही में हुई विमान दुर्घटना की जांच रिपोर्ट सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार वजन ज्यादा होने की वजह से यह विमान हादसा हुआ। अब आप सोच रहे होंगे कि कैसे...तो आइये आपको पूरा मामला समझाते हैं। दरअसल अभी पिछले महीने ही अलास्का में एक विमान अचानक दुर्घटना का शिकार हो गया था, इसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी। बता दें कि यह एक छोटा विमान था।
अब मामले की जांच में यह बात सामने आई है कि इस छोटे यात्री विमान में बर्फीली परिस्थितियों के लिहाज से आधा टन वजन अधिक था। इसकी वजह से विमान हादसे का शिकार हो गया है। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने बुधवार को जारी एक प्रारंभिक रिपोर्ट में वजन को विमान हादसे का कारण बताया है। यह विमान छह फरवरी को उनालाक्लीट से नोम जा रहा था। ‘बेरिंग एयर’ की यह उड़ान अलास्का में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिससे इसमें सवार सभी 10 यात्रियों की जान चली गई थी।
480 किलो ज्यादा था वजन
अलास्का क्षेत्र में एनटीएसबी का नेतृत्व करने वाले क्लिंट जॉनसन ने बताया कि जांच में अभी तक यही सामने आया है कि विमान में वजन अधिक था। अंतिम रिपोर्ट तैयार होने में एक साल या उससे अधिक समय लग सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि दुर्घटना के बाद विमान की सामग्री की समीक्षा से पता चला कि प्रस्थान के समय इसका अनुमानित वजन 4,475 किलोग्राम था यानी बर्फीली परिस्थितियों के लिहाज विमान का ‘टेकऑफ’ वजन लगभग 480 किलोग्राम अधिक था। इसके कारण यह हादसा हो गया। (एपी)
कितना होना चाहिए किसी विमान का वजन
यह विमान के प्रकार और आकार पर निर्भर करता है। आमतौर पर भारी जेट विमानों का अधिकतम उड़ान भार 77,5000 पाउंड यानि करीब 387 टन तक होता है। एअरबस-380 का टेक ऑफ भार 1208000 पाउंड यानि करीब 604 टन, छोटे विमानों का वजन 12500 पाउंड से कम यानि 5670 किलोग्राम से कम होना चाहिए। उससे भी छोटे विमान का वजन 10450 पाउंड यानि 4740 किलोग्राम से कम होना चाहिए।
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