Highlights
- अमेरिका ने सीक्रेट ऑपरेशन में जवाहिरी को मारा
- सीआईए ने अफगानिस्तान में ऑपरेशन को दिया अंजाम
- 9/11 हमले के पीड़ितों के परिवार ने मनाया जश्न
Al-Zawahiri Death Celebration: अमेरिका ने अफगानिस्तान के काबुल में ड्रोन हमला कर अल-कायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी को ढेर कर दिया है। इस ऑपरेशन को खुफिया एजेंसी सीआईए ने अंजाम दिया है। जिससे 11 सितंबर 2001 (9/11) को हुए हमले के पीड़ितों के परिवारों के सदस्य काफी खुश हैं। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रति आभार जताया और कहा कि यह इंसाफ और जवाबदेही की लंबे समय से चल रही लड़ाई में ‘अहम कदम’ है। ‘9/11 जस्टिस’ समूह ने आतंकी संगठन के सरगना की मौत पर खुशी जताते हुए कहा कि यह कदम 9/11 के हमले के पीड़ितों और उनसे जुड़े लोगों के लिए खासतौर पर अहम है, जिन्होंने न्याय के लिए लड़ाई में योगदान दिया है।
‘9/11 जस्टिस’ एक जमीनी स्तर का संगठन है, जिसमें हमले में जीवित बचे लोग, हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्य शामिल हैं। समूह ने एक बयान में बाइडेन से आग्रह किया कि वे 9/11 के पीड़ितों के साथ देना जारी रखें और इस हमले के पीड़ितों के लिए इंसाफ की मांग करने वालों का समर्थन करते रहें। 11 सितंबर 2001 को हुए हमले में 2977 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिका पर 9/11 हमलों की साजिश अल-जवाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी। ओसामा बिन-लादेन को ‘यूएस नेवी सील्स’ ने दो मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में एक अभियान में मार गिराया था। जवाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था।
आतंकवादी अब जीवित नहीं- अमेरिका
बाइडेन ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक घर में शनिवार शाम को 71 वर्षीय जवाहिरी को ढेर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इंसाफ कर दिया गया है और यह आतंकवादी अब जीवित नहीं है। ‘9/11 फैमिलिज यूनाटिड’ की प्रमुख टेरी स्ट्रेडा ने खुफिया एजेंसियों की प्रतिबद्धता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अदम्य समर्पण दिखाने के लिए अमेरिकी सेना के प्रति आभार व्यक्त किया। अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के वरिष्ठ सलाहकार रहे ब्रैड ब्लेकमैन के एक करीबी रिश्तेदार की इस हमले में मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, “इस दिन का लंबे वक्त से इंतज़ार था। अगर हमारे पास मौका होता तो यह बहुत पहले ही हो जाता।”
पाकिस्तान को लेकर उठे सवाल
उन्होंने कहा कि उनके लिए मायूसी की बात यह है कि आतंकवादियों के खिलाफ हमेशा अमेरिका ही क्यों कार्रवाई करे जबकि जवाहिरी अफगानिस्तान और लादेन पाकिस्तान जैसे संप्रभु राष्ट्रों में पनाह लेता है। ब्लैकमैन ने कहा, “ये देश क्यों इन हत्यारों और आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं?” ‘नेशनल सितंबर 11 मेमोरियल और म्यूजियम’ की प्रमुख और सीईओ एलिस एम ग्रीनवॉल्ड ने कहा कि आतंकी संगठन के सरगना की मौत आज की दुनिया पर 9/11 की त्रासदी के निरंतर प्रभाव का एक और आयाम है।
कई हमलों में था शामिल
अल-जवाहिरी ने अल-कायदा के बाकी आतंकियों के साथ मिलकर 12 अक्टूबर, 2000 में यमन में नेवल शिप यूएसएस कोल पर हमला किया था। जिसमें 17 अमेरिकी मरीन की मौत हो गई थी। जवाहिरी ने 7 अगस्त, 1998 को केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों को निशाना बनाया था। इन हमलों में 224 लोगों की मौत हो गई थी और 5000 घायल हुए थे। ओसामा बिन लादेन के साथ ही अल-जवाहिरी भी 2001 में अफगानिस्तान छोड़कर भाग गया था, क्योंकि तब यहां अमेरिकी सेना ने प्रवेश किया था। हालांकि मई 2011 में अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान में बिन लादेन को मार गिराया था।