Monday, November 25, 2024
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कमला हैरिस के बाद इन दो भारतीयों ने भी अमेरिका में बुलंद किया भारत का झंडा, जानकर होगा गर्व

Indian-Origin Person Becomes Lieutenant Governor in US: अमेरिका में उपराष्ट्रपति बनीं भारतीय मूल की कमला हैरिस के बाद दो अन्य भारतीयों ने भी यूएस में भारत का झंडा बुलंद किया है। भारतीय मूल के दो व्यक्तियों को अमेरिका में शीर्ष पदों पर नियुक्त किया गया है। इसमें भारतीय-अमेरिकी अरुणा मिलर और विवेक मालेक का नाम शामिल है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: January 20, 2023 8:48 IST
प्रतीकात्मक फोटो (अमेरिका)- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो (अमेरिका)

Indian-Origin Person Becomes Lieutenant Governor in US: अमेरिका में उपराष्ट्रपति बनीं भारतीय मूल की कमला हैरिस के बाद दो अन्य भारतीयों ने भी यूएस में भारत का झंडा बुलंद किया है। भारतीय मूल के दो व्यक्तियों को अमेरिका में शीर्ष पदों पर नियुक्त किया गया है। इसमें भारतीय-अमेरिकी अरुणा मिलर और विवेक मालेक का नाम शामिल है, जिन्हें क्रमश: मैरीलैंड और मिसौरी के अमेरिकी राज्यों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और ‘ट्रेजरर’ (कोषाध्यक्ष) के रूप शपथ दिलाई गई है।

भारतीय मूल के इन दोनों ने अमेरिकियों ने इन प्रांतों में लेफ्टिनेंट गवर्नर और कोषाध्यक्ष पद की शपथ ग्रहण करने का गौरव हासिल किया है। ऐसा करने वाले पहले अश्वेत बनकर उन्होंने नया इतिहास रचा है। डेमोक्रेट अरुणा मिलर ने बुधवार को अन्नापोलिस राज्य की राजधानी में लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में शपथ ली, जबकि रिपब्लिकन विवेक मालेक ने एक दिन पहले मिसौरी के ट्रेजरर के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इससे एक बार फिर भारत को गर्व करने का मौका मिला है। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की अमेरिकी महिला हैं।

आंध्र प्रदेश और हरियाणा के निवासी हैं मिलर और मालेक

अरुणा मिलर (58) और मालेक (45) दोनों ने अपने-अपने प्रांतों में इन दो शक्तिशाली पदों की शपथ ग्रहण करने वाले पहले अश्वेत बनकर इतिहास रच दिया है। मालेक ने जेफरसन सिटी में शपथ ग्रहण समारोह के बाद संवाददाताओं से कहा, “यह मिसौरी वासियों के लिए, हर किसी के लिए, अमेरिकियों के लिए, हम सभी के लिए एक गर्व का क्षण है। विशेष रूप उन लोगों के लिए जो अपना देश छोड़ यहां चले आए और इस देश को अपना घर बना लिया है। यह उनके लिए गर्व की बात है और मैं उनके साथ उस गर्व को साझा करता हूं।” मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले विवेक विमालेक एक छात्र के रूप में अमेरिका चले गए थे। अब उनके पास एक सफल ‘लॉ फर्म’ है। वहीं अरुणा 1972 में सात साल की उम्र में अमेरिका चली आई थीं। उनका परिवार आंध्र प्रदेश से संबद्ध है।

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