सियोलः इजरायल-ईरान में भीषण जंग की आशंका के बीच उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया पर परमाणु हमले की धमकी देकर दुनिया का तापमान बढ़ा दिया है। किम जोंग ने दक्षिण कोरिया को यह धमकी ऐसे वक्त में दी है, जब दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। रूस-यूक्रेन से लेकर इजरायल-हमास, इजरायल हिजबुल्लाह, इजरायल-हूती, इजरायल-ईरान समेत लगभग पूरा मध्य एशिया भीषण युद्ध की चपेट में हैं। इजरायल पर ईरान के हमले के बाद अमेरिका खुलकर नेतन्याहू का साथ दे रहा है तो वहीं रूस ईरान के समर्थन में उतर आया है। चीन भी ईरान के पक्ष में है। इन परिस्थितियों ने तीसरे विश्व युद्ध के खतरे को कई गुना बढ़ा दिया है।
किम जोंग ने कहा है कि अगर उत्तर कोरिया को उकसाया गया तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर दक्षिण कोरिया का समूल नाश कर देगा। सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दरअसल दक्षिण कोरिया के नेता ने चेतावनी दी थी कि अगर किम ने परमाणु हथियारों का उपयोग करने का प्रयास किया तो उनके शासन का खात्मा कर दिया जाएगा और इसके जवाब में किम ने दक्षिण कोरिया को यह चेतावनी दी है। दोनों देशों के नेताओं के बीच इस तरह ही बयानबाजी नयी नहीं है, लेकिन उनकी ये हालिया टिप्पणी उत्तर कोरिया द्वारा हाल में परमाणु केंद्र के खुलासे और मिसाइल परीक्षणों को जारी रखने के कारण बढ़े तनाव के बीच आई है।
किम ने कहा-दक्षिण कोरिया का मिट जाएगा अस्तित्व
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार समिति ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) के अनुसार, किम ने बुधवार को विशेष अभियान बल की एक इकाई के दौरे के वक्त कहा कि अगर दक्षिण कोरिया उसकी संप्रभुता का अतिक्रमण करने के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग करने का प्रयास करता है तो उनकी सेना ‘‘बिना किसी हिचकिचाहट के अपने पास मौजूद परमाणु हथियार सहित सभी आक्रामक हथियारों का इस्तेमाल करेगी।’’ किम ने कहा, ‘‘अगर ऐसी स्थिति आती है तो दक्षिण कोरिया का अस्तित्व मिट जाएगा।’’ किम का यह बयान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के मंगलवार को अपने देश के सशस्त्र सेना दिवस पर दिए गए भाषण का जवाब था।
उत्तर कोरिया को निशाना बनाने में सक्षम दक्षिण कोरिया की सबसे शक्तिशाली ह्यूनमू-5 बैलेस्टिक मिसाइल और अन्य पारंपरिक हथियारों का अनावरण करते हुए यून ने कहा कि जिस दिन उनका पड़ोसी देश परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की कोशिश करेगा, उस दिन किम सरकार का अंत हो जाएगा क्योंकि किम को दक्षिण कोरियाई-अमेरिकी गठबंधन के ‘‘दृढ़ और भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा। (एपी)