वाशिंगटनः दुनिया 9/11 को अमेरिका पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले को शायद ही कभी भुला सकेगी। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका की 110 मंजिला इमारत वर्ल्ड ट्रेड टावर समेत आतंकियों ने पेंटागन और ह्वाइट हाउस को भी उड़ाने का प्लान बनाया था। वर्ल्ड ट्रेड टावर और पेंटागन पर हमला करने में वह सफल रहे, लेकिन ह्वाइट हाउस तक नहीं पहुंच सके। इस हमले से जुड़े तमाम राज ऐसे हैं, जिनमें से कुछ तथ्यों के बारे में आज तक भी किसी को पता नहीं चल सका।
9/11 की तारीख अमेरिका के लिए वह खौफनाक दिन था, जब आतंकियों ने 4 यात्री विमानों का अपहरण कर लिया और उसे वर्ल्ड ट्रेड टावर और पेंटागन से टकराने के लिए मजबूर किया। इसमें सैकड़ों यात्री भी सवार थे। बावजूद आतंकियों ने हाईजैक विमानों को वर्ल्ड ट्रेड टावर से टकरा दिया। करीब 2 ढाई घंटे के अंतराल पर अमेरिका के अलग-अलग स्थानों पर कई आतंकी हमलों से वाशिंगटन ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया थर्रा गई थी। वर्ल्ड ट्रेड टावर की तीन इमारतें पूरी तरह ढह गई थीं। अमेरिका पर हुए इस सबसे बड़े आतंकी हमले में करीब 3000 लोग मार गए थे।
अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले से जुड़े बड़े फैक्ट
इस हमले का मास्टर माइंड अलकायदा का चीफ ओसामा बिन लादेन था।
11 सितंबर 2001 को 19 आतंकवादियों ने अमेरिका के 4 यात्री विमानों को हाईजैक कर लिया।
हैरानी की बात यह है कि हमला करने वाले आतंकियों ने अमेरिका में ही रहकर कई वर्ष तक ट्रेनिंग लिया।
ये सभी आतंकी टूरिस्ट, स्टूडेंट और बिजिनेस वीजा पर अमेरिका में दाखिल हुए थे।
वर्ल्ड ट्रेड टावर से दो विमानों की टक्कर कराई गई थी। तब बिल्डिंग में 17400 लोग मौजूद थे।
वर्ल्ड ट्रेड टावर की वह बिल्डिंग भी गिर गई जिसमें किसी विमान से टक्कर नहीं हुई थी। इसके गिरने का राज आज तक पता नहीं चला।
आतंकी ह्वाइट हाउस को भी एक अन्य विमान की टक्कर से उड़ाने वाले थे, लेकिन वह विमान पेन्सिलवेनिया में क्रैश हो गया।
दावा है कि इस विमान के यात्री आतंकियों से भिड़ गए थे, जिससे वह क्रैश हुआ अन्यथा अमेरिकी राजधानी या ह्वाइट हाउस पर बड़ा हमला करने का प्लान था।
मगर विमान क्रैश होने का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल सका। सिर्फ अनुमान लगाया गया कि यात्री भिड़ गए होंगे। सारे यात्री भी मारे गए थे।
आतंकियों ने विमान हाईजैक करने के बाद यात्रियों पर मिर्च पाउडर स्प्रे का भी इस्तेमाल किया था।