वाशिंगटन: सुपरहीरो की संस्कृति को बढ़ावा देने की आम धारणा के विपरीत एक नए अध्ययन के मुताबिक यह बात सामने आई है कि वास्तविकता में सुपरहीरो की संस्कृति बच्चों में रक्षा करने की क्षमता बढा़ने के बजाए आक्रामकता को बढ़ावा देती है। अमेरिका के ब्रिघम रिपीट ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि शिशु विद्यालय की उम्र वाले लड़के और लड़कियां भी सुपरहीरो वाली संस्कृति की तरफ बहुत तेजी से खींचे चले जा रहे है।
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प्रोफेसर सराह एम कोएन ने बताया, बहुत सारे शिशु विद्यालय के छात्र सुपर हीरो वाली संस्कृति में जीना चाहते हैं और कई माता-पिता भी यह सोचते हैं कि सुपरहीरो की संस्कृति से उनके बच्चों को अन्य चीजों से रक्षा करने में मदद मिलेगी और अपने साथियों को अच्छा बना सकते हैं। कोएन ने बताया, लेकिन हमारा अध्ययन इस धारणा के बिल्कुल विपरीत है। बच्चे इससे जल्दी आक्रामक हो जाते हैं। कोएन ने पाया कि जो बच्चे सुपरहीरो संस्कृति के आकर्षण में जल्दी आ जाते हैं वे एक साल बाद शारीरिक तौर पर आक्रामक होने के साथ-साथ संबंधों में भी ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं।
उन्होंने इस दौरान पाया कि यहां तक कि बच्चें इससे बदमाशों से अपनी रक्षा भी नहीं कर पाते हैं और उनके सामाजिक मेलजोल की भी संभावना नहीं होती है। कोएन ने बताया, अपने बच्चों को हरेक तरह की गतिविधियों में शामिल कीजिए। बहुत सारी चीजें हैं जिन्हें करने और उसमें रचि पैदा करने की जरूरत है।