वाशिंगटन: बीते मंगलवार सिंधु जल संधि पर मीडिया में छाई खबर जिसके अनुसार भारत को झेलम और चेनाब नदियों की सहायक नदियों पर कुछ शर्तों के साथ पनबिजली विद्युत संयंत्रों के निर्माण की अनुमति दे दी गई है। इसका विश्व बैंक ने खंडन करते हुए कहा कि किशनगंगा और रातले हाइड्रोइलेक्ट्रिक बिजली संयंत्रों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चर्चाएं जारी हैं और अब तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। (ट्रंप ने खारिज की व्हाइट हाउस को घटिया कहने की बात)
भारत और पाकिस्तान द्वारा इस मुद्दे पर दो दिवसीय बैठक पूरी किए जाने के एक दिन बाद कल विश्व बैंक ने कहा, इस सप्ताह की शुरूआत में बैठकें सदभावना एवं सहयोग की भावना से आयोजित की गई थीं। इससे जुड़े पक्ष वाशिंगटन डीसी में सितंबर में एक बार फिर मिलने और चर्चा करने के लिए सहमत हो गए हैं।
विश्व बैंक ने सिंधु जल संधि से जुड़ी बैठकों के नतीजों को लेकर कुछ मीडिया संस्थानों से आने वाली खबरों को गलत बताया है। ज्यादा स्पष्टीकरण दिए बिना मीडिया में जारी बयान में कहा गया, विश्व बैंक यह स्पष्ट करना चाहेगा कि किशनगंगा और रातले हाइड्रोइलेक्ट्रिक बिजली संयंत्रों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चर्चाएं चल रही हैं।