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विश्व का ध्यान आतंकवाद से निपटने पर केंद्रित: अकबरूद्दीन

संयुक्त राष्ट्र: एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के कई महीने से चल रहे प्रयासों को वैश्विक संस्था के सदस्य देशों ने कोई

India TV News Desk
Updated : September 24, 2016 13:23 IST
सैयद अकबरूद्दीन- India TV Hindi
सैयद अकबरूद्दीन

संयुक्त राष्ट्र: एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के कई महीने से चल रहे प्रयासों को वैश्विक संस्था के सदस्य देशों ने कोई महत्ता नहीं दी है और वे आतंकवाद के बढ़ते संकट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जिस बात को महत्ता दी जा रही है वह आतंकवाद का खतरा है जिसका सामना भारत कर रहा है, न कि कश्मीर का मसला है जिस पर शरीफ ने अपने भाषण में ध्यान केंद्रित किया था।

उन्होंने कल संवाददाताओं से कहा, यदि आम बहस में अब तक 131 देशों ने अपनी बात रखी है, तो उनमें से 130 देशों ने उस प्राथमिक मुद्दे का जिक्र नहीं किया है जिसे पाकिस्तान ने उठाया है। इसका क्या अर्थ है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र की इस उच्च स्तरीय बहस में अपनी बात रखने वाले 90 प्रतिशत देशों ने इस बात पर जोर दिया है कि आतंकवाद उनकी प्राथमिक चिंता है। अकबरूद्दीन ने कहा कि भारत अन्य देशों से उसे मिल रहे समर्थन को लेकर कृतग्य है। अधिक से अधिक देश आतंकवाद की बुराई से निपटने के लिए अपना समर्थन जता रहे हैं और इसके लिए खड़े हो रहे हैं।

अकबरूद्दीन ने कहा कि विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने संयुक्त राष्ट्र महाससभा के सत्र के इतर जो द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय वार्ताएं की उनमें भारत के आतंकवाद का शिकार होने की बात कही गई और भारत के प्रति एकजुटता जताई गई। उन्होंने कहा, भारत के आतंकवाद से पीडि़त होने और उसके आतंकवाद के निपटने के प्रयासों की गूंज दूर तक सुनी गई। श्रीलंका के साथ हुई बैठक समेत सभी द्विपक्षीय बैठकों में उरी में सैन्य अड्डे पर हुए हमले पर तत्काल प्रतिक्रिया दी गई और इस पर बात की गई।

अकबरूद्दीन ने भौगोलिक आधार पर भारत से दूर स्थित लातिन अमेरिकी एवं कैरेबियाई देशों के समुदाय (सीएएलएसी) के नेताओं के साथ अकबर की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि इस बैठक में भाग लेने वालों ने उरी हमलों को लेकर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और आतंकवाद बढ़ने पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि दक्षेस के विदेश मंत्रियों की बैठक में अकबर ने आतंकवाद और भारत के इससे निपटने के तरीके के मुद्दे को उठाया। मंत्री ने उरी में हुई त्रासद घटना पर भारत के प्रति संवेदना एवं समर्थन व्यक्त करने वालों को धन्यवाद दिया। विदेश मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने दक्षेस बैठक में भाग लिया था। यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक में भारत एवं पाकिस्तान के मंत्रियों के बीच कोई वार्ता हुई, अकबरूद्दीन ने कहा कि मध्याह्न भोजन के दौरान बैठक की गई और वे सभी मेज पर थे।

 

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