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बांहों की मांसपेशियों में होती हैं प्रतिरक्षण कोशिकाएं, इसलिए वहां लगाए जाते हैं कोरोना के टीके

मांसपेशियां टीका लगाने का बेहतरीन स्थान होती हैं क्योंकि मांसपेशियों के ऊतक महत्वपूर्ण प्रतिरक्षण कोशिकाएं धारण किए होते हैं।

Reported by: Bhasha
Updated : May 22, 2021 17:43 IST
Why is Covid-19 vaccine given in arms? Covid-19 vaccine arms, Coronavirus vaccine arms
Image Source : INDIA TV REPRESENTATIONAL दुनिया में अब तक करोड़ों लोग कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवा चुके हैं।

इंडियानापोलिस (अमेरिका): दुनिया के करोड़ों लोगों ने कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए आस्तीन उठाई, लेकिन वे पैंट हटा कर पैर पर टीका क्यों नहीं लगवाते हैं? क्यों हम अधिकतर बांह पर ही टीके लेते हैं? जन स्वास्थ्य का अनुभव रखने वाली और नर्सिंग की एसोसिएट प्रोफेसर व 2 जिज्ञासु बच्चों की मां ने कहा कि अक्सर मुझसे यह सवाल किया जाता है कि क्यों अधिकांश टीके हमारी बांह पर लगाए जाते हैं, इसके पीछे का विज्ञान क्या है। सभी नहीं, लेकिन अधिकतर टीके मांसपेशियों में दिए जाते हैं। इन्हें इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन कहा जाता है।

रोटा वायरस जैसे कुछ टीके मुंह के रास्ते दिए जाते हैं। वहीं अन्य टीके जैसे खसरा, रूबेला के त्वचा के नीचे दिए जाते हैं। हालांकि, कई अन्य मांसपेशियों में दिए जाते हैं। लेकिन मांसपेशियां क्यों इतनी अहम है और उसका स्थान क्यों महत्वपूर्ण है? क्यों कंधे के ऊपरी हिस्से में बांह की मांसपेशियों को डेलटॉयड कहा जाता है? मांसपेशियों में प्रतिरक्षण कोशिकाएं होती हैं। मांसपेशियां टीका लगाने का बेहतरीन स्थान होती हैं क्योंकि मांसपेशियों के ऊतक महत्वपूर्ण प्रतिरक्षण कोशिकाएं धारण किए होते हैं। ये प्रतिरक्षण कोशिकाएं टीके के जरिये प्रतिरोपित वायरस एवं बैक्टिरिया के टुकड़े एंटीजन की पहचान करती हैं और एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रतिरक्षण प्रणाली को सक्रिय करती है।

हालांकि, कोविड-19 के टीके में एंटीजन नहीं डाले जाते बल्कि टीके के माध्यम से एंटीजन पैदा करने के लिए खाका डाला जाता है। मांसपेशियों में मौजूद प्रतिरक्षण कोशिकाएं इन एंटीजन को पकड़ती हैं और उन्हें ‘लसीका पर्व’ को प्रस्तुत करती हैं। मांसपेशियों के ऊतकों में टीका लगाने से टीका स्थानीय स्तर पर ही रहता है और वहां की प्रतिरक्षण कोशिकाएं अन्य प्रतिरक्षण कोशिकाओं को काम करने के लिए आगाह करती हैं। प्रतिरक्षण कोशिकाओं द्वारा एक बार टीके की पहचान किए जाने के बाद ये कोशिकाएं एंटीजन को लसीका नलिका में ले जाती है, जो प्रतिरक्षण कोशिका वाले एंटीजन को लसीका पर्व तक ले जाते हैं जो हमारे प्रतिरक्षण प्रणाली का अहम हिस्सा है।

लसीका पर्व में अधिक प्रतिरक्षण कोशिकाएं होती हैं, जो टीके में मौजूद एंटीजन की पहचान कर एंटीबॉडी बनाने की प्रतिरक्षण प्रणाली शुरू करती है। टीका लगाने के स्थान पर लसीका पर्व का झुंड होता है। उदाहरण के लिए कई टीके ‘डेलटॉयड’ में लगाए जाते हैं क्योंकि लसीका पर्व ठीक कांख के नीचे होते हैं। जब टीका जांघ में लगाया जाता है, तो लसीका नलिका को उरुसंधि (ग्रोइन) में मौजूद लसीका पर्व के झुंड तक पहुंचने के लिए अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ती। मांसपेशियों गतिविधियों को स्थानीय रखती हैं। मांसपेशियों के ऊतक भी टीके की प्रतिकिया को स्थानीय रखते हैं।

डेलटॉयड में टीका लगाने से स्थानीय स्तर पर सूजन या दर्द टीके लगाने के स्थान पर हो सकता हैं। अगर ऐसे टीके मोटे ऊतकों में लगाए जाते हैं तो असहजता या सूजन बढ़ने का खतरा है क्योंकि मोटे ऊतकों में रक्त का संचार ठीक से नहीं होता, इससे टीके के कुछ अवयव ठीक से नहीं सोखे जाएंगे। टीके में कुछ सहायक या तत्व होते हैं जो एंटीजन के प्रति प्रतिरक्षण प्रतिक्रिया को बढ़ाते हैं और इसे मांसपेशियों में दिया जाना चाहिए ताकि असहजता और सूजन से बचा जा सके। मजबूत प्रतिरक्षण प्रतिक्रिया में सहायक कई तरह से काम करते हैं।

टीका लगाने के स्थान का फैसला करने में एक और अहम तथ्य निर्भर करता है ,वह है मांसपेशियों का आकार। वयस्कों और तीन साल या इससे ऊपर के बच्चों को बांह के ऊपरी हिस्से डेलटॉयड में टीका दिया जाता है। इनसे छोटे बच्चे को जांघ के बीच में टीका दिया जाता है क्योंकि उनकी बांह छोटी और कम विकसित होती है। टीका देने के स्थान का चुनाव करने में एक और पहलू सुविधा और मरीज की स्वीकार्यता है। क्या आप बड़े टीकाकरण केंद्र में पैंट उतारने की कल्पना कर सकते हैं? आस्तीन ऊपर करना अधिक आसान है और अधिक पसंद किया जाता हैं।

संक्रामक बीमारी जैसे फ्लू सत्र और कोविड-19 जैसी महमारी में हमारे जन स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा कम से कम समय में अधिक लोगों के टीकाकरण की जरूरत है। इस कारण से बांह पर टीका दिया जाता है क्योंकि बांह के ऊपरी हिस्से तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। इन सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद जब फ्लू या कोविड-19 का टीका लगाया जाता है तो अधिकतर वयस्क और बच्चे बांह पर टीका लगाना पसंद करते हैं।

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