नई दिल्ली। दुनियाभर के डॉक्टर और साइंटिस्ट वैश्विक महामारी Coronavirus की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस साल के अंत तक एक कारगर और प्रभावी वैक्सीन दुनिया को मिल जाएगी। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक वैक्सीन के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ा सकता है। WHO ने कहा कि मध्य 2021 से पहले कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जांच में प्रभावशीलता और सुरक्षा के महत्व पर बल दिया है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि वह कोरोना के खिलाफ दुनियाभर में वैक्सीन की उपलब्धता अगले साल के मध्य से पहले उम्मीद नहीं कर रहे हैं। जेनेवा में एक प्रेस कॉन्फेंस के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता मार्गेट हैरिस ने कहा कि अगले साल के मध्य से पहले तक हम दुनियाभर में व्यापक रूप से कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का हवाला देते हुए कहा कि तीसरा चरण लंबा होगा, क्योंकि हमें यह देखने की जरूरत है कि हकीकत में यह कितनी सुरक्षित है।
दुनिया के करीब 76 देश अब डब्ल्यूएचओ की सह-नेतृत्व वाली वैश्विक कोरोना वैक्सीन आवंटन योजना में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसका उद्देश्य टीका खरीदने और उन्हें वितरित करने में मदद करना है। जीएवीआई वैक्सीन गठबंधन के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष सेठ बर्कले ने बताया कि समन्वित योजना (जिसे कोवैक्स के रूप में जाना जाता है) में अब जापान, जर्मनी, नॉर्वे सहित 70 से अधिक अन्य राष्ट्रों ने हस्ताक्षर किए हैं। ये सभी देश कोरोना वैक्सीन की खरीद के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं।
रूस ने अगस्त महीने में एक कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दी है। हालांकि, पश्चिमी देश इस वैक्सीन की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। उधर, अमेरिका के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और फाइजर इंक का कहना है कि कोरोना वैक्सीन नवंबर से वितरण के लिए तैयार हो सकती है। माना जा रहा है कि अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले देश में कोरोना वैक्सीन का वितरण शुरू हो सकता है।