नई दिल्ली. अमेरिका में इन दिनों सियासी सरगर्मियां तेज हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल की एक सांवली सी महिला कमला हैरिस की इन दिनों अमेरिका के सियासी हलकों में खूब चर्चा में है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के डेमोक्रटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने भारतीय मां तथा अफ्रीकी पिता की संतान कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना बनाया है। लॉ स्कूल से स्नातक और कैलिफोर्निया की अटार्नी जनरल रहीं कमला की विशेषता सिर्फ उनकी साझा विरासत ही नहीं है बल्कि एक मुखर वक्ता, करिश्माई व्यक्तित्व, सामयिक मामलों पर मजबूत पकड़, बेखौफ अंदाज और अपने तर्कों से सामने वाले को निरूत्तर कर देने की उनकी खूबियों ने उन्हें बहुत कम समय में ही राष्ट्रीय पहचान दिला दी है।
कैलिफोर्निया के ओकलैंड में 20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने यूसी बर्कले आए थे। यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया। हाई स्कूल के बाद हावर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली कमला अभी सात ही बरस की थीं, जब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए। कमला और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहीं और उन दोनों के जीवन पर मां का बहुत प्रभाव रहा।
हालांकि वह दौर अश्वेत लोगों के लिए सहज नहीं था। कमला और माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया। वह भारतीय संस्कृति से गहरे से जुड़ी रहीं। इस संबंध में कमला ने अपनी आत्मकथा 'द ट्रुथ वी टोल्ड' में लिखा है कि उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं और उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए कि कैंसर रिसर्चर और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को '' श्यामला एंड द गर्ल्स'' के नाम से जाना जाने लगा।
अपनी आत्मकथा में कमला हैरिस ने भारतीय संस्कृति से अपने जुड़ाव का जिक्र किया है। अमेरिका के लोगों को अपने नाम का अर्थ समझाते हुए वह कहती हैं, "मेरे नाम का मतलब है 'कमल का फूल'। भारतीय संस्कृति में कमल के फूल को पवित्र माना जाता है और यह अपनी एक खास अहमियत रखता है। कमल का पौधा पानी के भीतर होता है जबकि इसका फूल पानी की सतह से ऊपर खिलता है, लेकिन जड़ें सदा अपनी मिट्टी से मज़बूती से जुड़ी रहती हैं।"
दक्षिण भारतीय मां और अफ्रीकी पिता की संतान कमला ने 2014 में जब अपने साथी वकील डगलस एम्पहॉफ से विवाह किया तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपरा के साथ साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं। इस विवाह में भारतीय परंपरा के अनुसार कमला ने डगलस के गले में फूलों की माला पहनाई और डगलस ने पैर से कांच तोड़कर यहूदी रस्म का निर्वाह किया। इन तमाम संस्कृतियों और स्थानीय लोगों से आसानी से घुल मिल जाने वाली कमला ने एक समय भले अपनी पहचान को लेकर संघर्ष किया हो, लेकिन आज वह एक सशक्त और आत्मविश्वासी होने के साथ साथ दुनिया के सबसे ताकतवर देश के उपराष्ट्रपति पद की मजबूत दावेदार हैं। उनकी इस उपलब्धि पर भारत सहित दुनियाभर की महिलाओं को गर्व है।