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‘चीनी दुष्प्रचार’ का साधन बन गया है डब्ल्यूएचओ: अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने आरोप लगाया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ‘चीन के दुष्प्रचार’ का साधन बन गया है और वह कोरोना वायरस के मौजूदा संकट में अपनी साख पूरी तरह खो चुका है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : April 22, 2020 15:50 IST
WHO has become a tool of 'Chinese propaganda': America
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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने आरोप लगाया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ‘चीन के दुष्प्रचार’ का साधन बन गया है और वह कोरोना वायरस के मौजूदा संकट में अपनी साख पूरी तरह खो चुका है। ट्रंप ने हाल ही में डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली अमेरिकी धनराशि पर रोक लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली इस संस्था पर कोरोना वायरस महामारी के दौरान ‘चीन-केंद्रित’ होने का आरोप लगाया। डब्ल्यूएचओ में सर्वाधिक योगदान अमेरिका देता है। 

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने मंगलवार को कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ के साथ दिक्कत यह है कि वे इस संकट के दौरान अपनी पूरी साख खो चुके हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा नहीं है कि डब्ल्यूएचओ कई साल से बहुत प्रामाणिक संगठन रहा है। अमेरिका डब्ल्यूएचओ पर 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च करता है। चीन उस पर करीब चार करोड़ डॉलर खर्च करता है जो अमेरिका के योगदान के दसवें हिस्से से भी कम है और उसके बाद भी डब्ल्यूएचओ चीन के दुष्प्रचार का साधन बन गया है।’’ 

ओब्रायन ने कहा कि 14 जनवरी को डब्ल्यूएचओ ने अमेरिका को भरोसा दिलाया था कि कोविड-19 का मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण नहीं हो रहा है जो बाद में पूरी तरह झूठा साबित हुआ। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने फरवरी में चीन और अन्य अति प्रभावित इलाकों से यात्राओं पर अमेरिका और अन्य देशों द्वारा लगाई जा रही पाबंदियों की भी आलोचना की थी। 

ओब्रायन ने कहा, ‘‘उसकी यह बात पूरी तरह अनुचित साबित हुई और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों ने इसे खारिज कर दिया है।’’ अमेरिकी एनएसए ने इस तरह से डब्ल्यूएचओ के अनेक दावे गिनाते हुए कहा कि उसके साथ प्रामाणिकता की समस्या है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मित्र और सहयोगी देशों के साथ इस बारे में विचार कर रहा है कि क्या इसे सुधारा जा सकता है। 

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