वाशिंगटन: कैंसर से जूझा रहे नोबेल पुरस्कार विजेता लू शियाओबो को उनकी मर्जी से चिकित्सकीय उपचार कराने की आजादी नहीं होने पर चिंता जताते हुए अमेरिका ने चीन से अपील की है कि वह शियाओबो को कैंसर के इलाज के लिये फुल पैरोल पर रिहा करे और उनकी पत्नी की नजरबंदी हटाए। व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने पत्रकारों से कहा, चीन का जो अस्पताल नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक लू शियाओबो का इलाज कर रहा है, उसने उनके उपचार के संबंध में परामर्श लेने के लिए अमेरिका और जर्मनी से चिकित्सा विशेषज्ञों को बुलाया है। (अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव किया गया पेश)
उन्होंने कहा, लेकिन हम इस बात के लेकर चिंतित हैं कि लू और उनका परिवार बाहर की दुनिया से संपर्क नहीं कर सकता और उन्हें अपनी मर्जी से कैंसर का इलाज कराने की आजादी भी नहीं है। सारा ने कहा, हम चीनी अधिकारियों से उन्हें फुल पैरोल पर रिहा करने और उनकी पत्नी को नजरबंदी से मुक्त करने की फिर से अपील करते हैं। इसके अलावा हम चीन से उसके संविधान, कानून व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुसार उन्हें उचित उपचार कराने की स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करने की अपील भी करते हैं।
बीते दिन लू शियाओबो के कैंसर का इलाज करने वाले अस्पताल ने उनके स्वास्थ्य के बारे में दुखद जानकारी दी थी वहीं मानवाधिकार समूहों ने आगाह किया है कि हो सकता है कि अधिकारी मेडिकल रिपोर्टों से छेड़छाड़ कर रहे हों। उत्तरपूर्वी शेनयांग शहर में स्थित चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी के फर्स्ट हॉस्पिटल के अनुसार लोकतंत्र के पैरोकार 61 वर्षीय कार्यकर्ता लू के लीवर की हालत लगातार बिगड़ रही है। इसमें कहा गया कि उन्हें आघात हुआ है तथा उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया है।