वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दीवार बनाने के लिए पांच अरब डॉलर की मांग को लेकर अपने रुख में भले ही नरमी ले आए हों लेकिन अभी तक संघीय सरकार के कुछ विभागों में कामकाज पूरी तरह ठप होने की आशंका बनी हुई है। ट्रंप ने धमकी दी थी कि सीमा पर दीवार बनाने के लिए उन्हें उक्त राशि चाहिए और यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे सरकारी कामकाज को पूरी तरह ठप हो जाने देंगे।
लेकिन, मंगलवार को ट्रंप के रुख में कुछ नरमी दिखी। व्हाइट हाउस का कहना है कि वो कामकाज ठप नहीं करना चाहते हैं और दीवार बनाने के लिए धन जुटाने के अन्य विकल्प तलाश रहे हैं। वे संसद/कांग्रेस को इस बात के लिए मनाने का प्रयास करेंगे कि वे एक अरब डॉलर की राशि ट्रंप की आव्रजन नीति के लिए आवंटित कर दें।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने अपने सभी कैबिनेट मंत्रियों से कहा है कि वे धन का स्रोत तलाश करें जिसका उपयोग हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किया जा सकता है।’’ संसद में अल्पमत की नेता नैन्स पेलोसी और डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष सीनेटर चक स्कमर ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रस्तावित विधयेक में सीमा सुरक्षा के लिए शामिल 1.6 अरब डॉलर की राशि पर्याप्त है।
गौरतलब है कि तीन जनवरी से सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी को बहुमत मिलने के बाद पेलोसी का सदन की अध्यक्ष बनना तय है। पेलोसी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्कमर और मैंने कहा कि हम बेहद खराब आव्रजन नीतियों को लागू करने के लिए एक अरब डॉलर की राशि देने के उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकते हैं, ये नहीं होगा।’’
ट्रंप का कहना है कि इस संबंध में कोई समझौता होगा या नहीं, इस पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगा। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘हम देखते हैं कि क्या होगा। हमें सीमा सुरक्षा चाहिए।’’ यदि दोनों दलों के बीच गतिरोध जारी रहा तो शुक्रवार से संघीय सरकार के कुछ विभागों में कामकाज ठप हो जाएगा। हालांकि 75 प्रतिशत सरकारी विभाग काम करते रहेंगे क्योंकि उनके लिए सितंबर 2019 तक धन का प्रावधान बजट में ही कर दिया गया था।
दोनों दलों के बीच जारी इस गतिरोध के बीच संघ सरकार के लिए काम करने वाले सभी कर्मचारी इस आशंका में हैं कि कहीं उन्हें क्रिसमस से एक सप्ताह पहले बिना वेतन के घर न जाना पड़ जाए।