वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने आरोप लगाया है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी चुनाव में हुए दुर्भावनापूर्ण साइबर हमले में रूस के शामिल होने जानकारी थी और इन हमलों से जहां ट्रंप को मदद मिल रही थी वहीं उनकी प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन को नुकसान हो रहा था।
व्हाइट हाउस के प्रस सचिव जोश अर्नेस्ट ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में बताया, ट्रंप को दुर्भावनावश अंजाम दी जा रही साइबर गतिविधियों में रूस के लिप्त होने की जानकारी थी और इन साइबर गतिविधियों का उनकी प्रतिद्वंद्वी के अभियान पर नकारात्मक प्रभाव हो रहा था जबकि उनके लिए यह फायदेमंद था।
उन्होंने कहा, अकेले उन्हें ही इस बात की जानकारी नहीं थी। इसकी व्यापक खबरें आ रही थीं और समाचारपत्र पढ़ने वाले हर व्यक्ति को इसकी जानकारी थी।
अर्नेस्ट ने कहा कि यह कह पाना मुश्किल है कि वास्तव में उनका स्रोत कौन था। हो सकता है ट्रंप ने मीडिया में आ रही खबरों पर भरोसा किया हो या फिर कैपिटल हिल में किसी को यह बात बताई गई हो जिसने उन्हें (ट्रंप को) इसकी जानकारी दी होगी।
अर्नेस्ट कहा, यह संभावना भी है कि उन्होंने (ट्रंप ने) अपने निकटतम सहयोगी रोजर स्टोन से इस पर विचार-विमर्श किया हो। रोजर ने 27 जुलाई को इस बात का समर्थन करते हुए ट्वीट किया था कि अवश्य ही रूस ने हिलेरी क्लिंटन के ई-मेल को हैक किया है।
अर्नेस्ट ने कहा कि जो भी हो, ट्रंप जानते थे कि साइबर हमलों में रूस का हाथ था और इससे जहां उन्हें फायदा हो रहा था वहीं उनकी प्रतिद्वन्द्वी को इससे नुकसान हो रहा था। बहरहाल अर्नेस्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह ट्रंप की जीत को अमान्य नहीं ठहरा रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की टीम से यह भी सुना है कि वह इस बात को लेकर चिंतित है कि कुछ लोग राष्ट्रपति पद पर उनके निर्वाचन को अमान्य ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मेरे विचार से, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मतगणना के कुछ घंटे बाद ही स्पष्ट कर दिया था कि चुनाव के परिणाम ट्रंप के पक्ष में रहे हैं और उनकी टीम ट्रंप प्रशासन को बिना किसी बाधा के सत्ता हस्तांतरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चुनाव संबंधी हैकिंग की जांच का आदेश दिया है।