नई दिल्ली: अमेरिका ने सीरिया में हुए केमिकल हमले के जवाब में जवाबी कार्रवाई करते हुये गुरुवार रात सीरियाई एयरबेस पर दर्जनों क्रूज़ मिसाइल दागी। इस हफ्ते के शुरुआत में सीरियाई सरकार द्वारा किए गए हमले में करीब 80 नागरिक मारे गए थे, जिनमें बच्चों की संख्या काफी ज्यादा थी।लेकिन सवाल यह है कि अमेरिकी नैवी ने सीरिया में हमले के लिए टॉमहॉक मिसाइल ही क्यों चुनी?
टॉमहॉक मिसाइल दुनिया की 10 सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है। अमेरिका की यह मिसाइल सबसे ज्यादा खतरनाक इसलिए है क्योंकि इसे 1000 मील यानी करीब 1600 किलोमीटर की दूरी से लांच किया जा सकता है।
इतना ही नहीं इस मिलाइल से दुष्मन के ठिकाने को निशाना बनाने के लिए टार्गेट के पास किसी पायलट की जरूरत भी नहीं होती। यही कारण है कि अमेरिकी नैवी ने गुरुवार की रात सीरिया में आईएस आतंकियों के संभावित ठिकानों को तबाह करने के लिए टॉमहॉक मिसाइल का चुनाव किया।
तो आइए हम आपको बताते हैं टॉमहॉक मिसाइलों से जुड़ी खास बातें..
1. शीत युद्ध के दौरान अमेरिकी नेवी के पास दुनिया के दो सबसे खतरनाक एंटी शिप मिसाइल थे। हारपून और टॉमहॉक, इन दो मिसाइलों के जरिये अमेरिकी की रणनीति तत्कालीन सोवियत रूस से टक्कर लेने की थी।
2. टॉमहॉक मिसाइलें 20 फीट लंबी होती हैं और इनका वजन 3000 पौंड होता है। इस मिसाइल को जहाज और पनडूब्बी से छोड़ा जा सकता है। ये मिसाइलें 600 मील तक जा सकती हैं, इसके बाद इनकी उड़ान गोलाकार हो जाती है, इस दौरान टॉमहॉक मिसाइलें अपने टारगेट ढूंढ़ती है और उससे टकरा जाती है।
3. 1991 में सोवियत रूस के विघटन के बाद अमेरिका ने अपना ध्यान समुद्री जंग से हटाकर जमीनी तैयारी पर लगाया। इसने इराक़, सर्बिया, अफगानिस्तान, लीबिया और सीरिया पर मिसाइल और हवाई हमले किये।
4. जब अमेरिका को यकीन हो गया कि अब समुद्री जंग का खतरा नहीं है तो नेवी ने पूराने टॉमहॉक मिसाइलों को डिकमीशन कर दिया इसके साथ ही अपने युद्ध पोतों और विमानों से हारपून मिसाइलों को हटा लिया।
5. इसके बाद अमेरिका ने टॉमहॉक मिसाइलों के नये वर्जन को विकसित करने लगा। टॉमहॉक मिसाइले अभी भी जमीन पर मौजूद ठिकानों पर हमला करने के लिए अमेरिका का पसंदीदा मिसाइल है।
6. 2015 में कैलिफोर्निया के समुद्र तट पर एक टेस्ट में अमेरिकी नेवी इंजीनियरों ने टॉमहॉक मिसाइलों में संशोधन किये और इसमें ऐसे यंत्र लगाये तो चलते हुए लक्ष्य को टारगेट कर सकता था।
6. अमेरिकी प्रशासन ने इस टेस्ट को गेम चेंजर बताया था और इसे 1000 मील की दूरी से मार करने वाला क्रूज मिसाइल बताया था। 2017 के बजट में अमेरिका ने 187 मिलियन डॉलर की लागत से 100 और टॉमहॉक मिसाइलों को विकसित करने का प्रस्ताव रखा है।
7. इस मिसाइल की किमत लगभग 6 करोड़ रिपए हैं।
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