वॉशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तानियों को जिहाद के लिए कश्मीर नहीं जाने के लिए चेताने वाली इमरान खान की टिप्पणी को ‘स्पष्ट और अहम’ बयान बताते हुए इसका स्वागत किया है। हालांकि, अमेरिका इसके साथ-साथ पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों पर लगाम कसने के लिए ‘ठोस प्रतिबद्धताएं’ चाहता है जो क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए जरूरी है। अमेरिका के दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के प्रधान उप सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की न्यूयॉर्क यात्रा से कुछ दिन पहले आया है।
‘हम खान के बयान से सहमत हैं’
आपको बता दें कि खान न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात कर सकते हैं। वेल्स ने गुरुवार को ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री खान ने कहा है कि कश्मीर में हिंसा करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी कश्मीर और पाकिस्तान के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा, ‘हम इससे सहमत हैं। उनका स्पष्ट और अहम बयान सराहनीय है। वेल्स ने कहा कि सभी आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान की ठोस प्रतिबद्धता क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है।’
खान ने कहा, अब भारत फंस गया है
खान ने बुधवार को पाकिस्तानियों को जिहाद के लिए कश्मीर नहीं जाने को लेकर चेताया था और कहा था कि इससे कश्मीरियों का नुकसान होगा। पाक-अफगान सरहद पर बुधवार को तोरखाम टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद खान ने कहा था, ‘यहां से जो कोई भी जाएगा उससे उनको (भारत) पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादियों की घुसपैठ कराने का आरोप लगाने का बहाना मिलेगा। भारत पहले ही पाकिस्तान पर सीमा-पार आतंकवाद का आरोप लगाता रहा है। पूरी दुनिया का ध्यान हमारे, पाकिस्तान की ओर लाया गया है। अब भारत फंस गया है और दिन-ब-दिन दबाव बन रहा है।’
UN में कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे खान
पाकिस्तानी मीडिया की खबर के मुताबिक, खान ने कहा, ‘मैं यह कह रहा हूं कि जो भी ऐसी (सीमा पार कर लड़ने के लिए कश्मीर जाने की) कोशिश करता है, वो पाकिस्तान और कश्मीरियों का दुश्मन है।’ खान पहले ऐलान कर चुके हैं कि वह 27 सितंबर को महासभा को संबोधित करने के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा है कि वह इतने जबर्दस्त तरीके से कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे जैसा पहले कभी नहीं किया गया होगा। भारत की ओर से 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्ज को समाप्त करने के बाद से ही दोनों मुल्कों के बीच तनाव है। (भाषा)