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अमेरिका ने दी चेतावनी, कर सकता है उत्तर कोरिया पर सैन्य बल का इस्तेमाल

उत्तर कोरिया की ओर से हाल ही में किए गए बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण के जवाब में आज अमेरिका ने सैन्य बल के इस्तेमाल की चेतावनी दी है।

India TV News Desk
Published : July 06, 2017 14:12 IST
US warns can use military force on North Korea- India TV Hindi
US warns can use military force on North Korea

संयुक्त राष्ट्र: उत्तर कोरिया की ओर से हाल ही में किए गए बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण के जवाब में आज अमेरिका ने सैन्य बल के इस्तेमाल की चेतावनी दी है। इसके साथ ही अमेरिका ने क्रूर तानाशाह किम जोंग उन के हाथ थामने वाले चीन और रूस पर अपना तीव्र रोष जाहिर किया। उत्तर कोरिया द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपित किए जाने के बाद बुलाई गई सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने कहा, यह एक काला दिन है क्योंकि उत्तर कोरिया के कल के कदमों ने दुनिया को पहले से अधिक खतरनाक स्थान बना दिया है। उनका अवैध प्रक्षेपण न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि लापरवाह और नीचतापूर्ण भी है। इस कदम ने दिखा दिया कि उत्तर कोरिया शांतिपूर्ण विश्व का हिस्सा नहीं बनना चाहता। (चीन की धमकी, पीछे हटो वर्ना सिक्किम की आज़ादी को देंगे हवा)

कल प्रक्षेपित मिसाइल अलास्का तक पहुंच सकती है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने नेता किम जोंग-उन के हवाले से कहा कि अमेरिका के साथ तनाव अंतिम चरण में पहुंच गया है। भारतीय-अमेरिकी हेली ने चेतावनी दी कि अमेरिका अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा के लिए अपनी क्षमताओं के पूर्ण इस्तेमाल के लिए तैयार है। हेली ने कहा, हमारी क्षमताओं में से एक क्षमता हमारे बलवान सैन्य बलों में निहित है। जरूरत पड़ने पर हम उनका इस्तेमाल करेंगे लेकिन हम चाहेंगे कि इस दिशा में जाने की जरूरत ही न पड़े। हमें धमकाने वाले लोगों से निपटने के लिए हमारे पास अन्य तरीके भी हैं। व्यापार के क्षेत्र में हमारे पास अपार क्षमताएं हैं। हेली ने कहा कि उन्होंने इस बारे में राष्ट्रपति ट्रंप से बात की है। चीन का जिक्र करते हुए हेली ने कहा कि उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लागू करने की बड़ी जिम्मेदारी बीजिंग पर है क्योंकि उत्तर कोरिया का 90 प्रतिशत व्यापार चीन के साथ होता है।

एक ओर जहां उन्होंने कहा कि अमेरिका चीन के साथ काम करेगा, वहीं उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि कुछ देश सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए उत्तर कोरिया के साथ व्यापार के लिए अनुमति दे रहे हैं। कुछ देश तो इसके लिए बढ़ावा भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ऐसे देश अमेरिका के साथ भी अपने व्यापारिक प्रबंध जारी रखना चाहते होंगे। ऐसा नहीं होने वाला। जब देश अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी खतरों को गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो व्यापार के प्रति हमारा रवैया बदल जाता है। उत्तर कोरिया के खतरे से निपटने के प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ हाथ न मिलाने के मुद्दे पर हेली ने चीन और रूस पर भी निशाना साधा और कहा कि किम जोंग उन के शासन ने बीजिंग और मास्को की किसी बात को न तो सुना है और न ही वह सुनेगा। उन्होंने कहा, इसलिए अब समय आ गया है कि हम एकसाथ खड़े हों और कहें कि हम इस कदम को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहां बैठकर प्रतिबंधों का विरोध करना या वहां बैठकर नए प्रस्ताव को नकारने का अर्थ है कि आप किम जोंग उन के हाथ थामे हुए हैं।

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