वॉशिंगटन: तिब्बत में चीन के कथित दमनकारी प्रशासन की आलोचना करते हुए अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने अन्य देशों से अपील की है कि वे अमेरिका के उस कानून जैसा ही कानून अपने यहां भी बनाएं जिसके तहत तिब्बत में विदेशी लोगों की यात्राओं पर रोक लगाने वाले चीनी अधिकारियों को अमेरिका में प्रवेश देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। तिब्बत मामलों के विशेष समन्वयक रॉबर्ट ए डेस्ट्रो ने शुक्रवार को कहा कि विश्व के अन्य सहयोगियों के साथ मिल कर अमेरिका तिब्बत के क्षेत्रों में राजनयिकों और पत्रकारों समेत विदेशी लोगों की पहुंच की मांग उसी रूप में करता रहेगा जिस तरह की पहुंच चीनी राजनयिकों, पत्रकारों और नागरिकों को संबंधित देशों में हासिल है।
उन्होंने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि तिब्बत में पहुंच और पार्दर्शिता का दबाव बनाने के लिए अमेरिका ने पारस्परिक तिब्बत पहुंच अधिनियम बनाया है और वह अमेरिका जैसी सोच रखनेवाले मित्रों और सहयोगियों से अपील करते हैं कि वे इसी तरह का अपना एक अधिनियम पारित करें।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिसंबर 2018 में इस विधेयक पर हस्ताक्षर करके इसे कानून बना दिया था। इसमें उन चीनी अधिकारियों के अमेरिका में प्रवेश नहीं देने के लिए कहा गया है जो तिब्बत में विदेशियों की यात्रा प्रतिबंधित करने में शामिल हैं।