बोस्टन। अमेरिका सरकार ने चीन की प्रौद्योगिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हुवावेई पर कुछ नए प्रतिबंध लगाए हैं। इसके तहत हुवावेई की अमेरिकी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की क्षमता पर अंकुश लगाया गया है। इससे उद्योग विकास और सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका-चीन विवाद और बढ़ सकता है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने शुक्रवार को कहा कि हुवावेई पर विदेशों में सेमीकंडक्टर के डिजाइन और उत्पादन के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर पूर्व में प्रतिबंध लगाए गए थे।
अमेरिका चाहता है कि हुवावई पूर्व में लगाए गए अंकुशों से बच नहीं पाए। रॉस ने ‘फॉक्स बिजनेस’ से कहा कि एक काफी उच्चस्तर की तकनीकी खामी है जिसके जरिये हुवावेई अमेरिकी प्रौद्योगिकी को प्रभावित करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि हम कभी नहीं चाहते थे कि इस तरह की खामी रहे। हुवावेई टेक्नोलॉजीज चीन का पहला वैश्विक प्रौद्योगिकी ब्रांड है और यह कंपनी नेटवर्क उपकरण तथा स्मार्टफोन बनाती है। हुवावेई अमेरिका-चीन विवाद का प्रमुख मुद्दा है। अमेरिकी अधिकारी कहते रहे हैं कि हुवावई सुरक्षा के लिए खतरा है। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों को नकारा है।
वहीं चीन का कहना है कि अमेरिका सुरक्षा चेतावनी का दुरुपयोग कर अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों लिए चुनौती बन रही हुवावेई को नुकसान पहुंचाना चाहता है। नए नियमों के तहत विदेशी सेमीकंडक्टर विनिर्माता को हुवावेई द्वारा डिजाइन सेमीकंडक्टर जिनका निर्माण अमेरिकी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर किया गया है, को चीन की कंपनी को भेजने के लिए अमेरिकी लाइसेंस हासिल करना होगा। चीन ने अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। दुनिया के सेमीकंडक्टर संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले चिप डिजाइन और विनिर्माण उपकरण ज्यादातर अमेरिका में बनते हैं। ऐसे में नए नए उन विदेशी उत्पादकों को प्रभावित करेंगे जो हुवावेई को बिक्री करते हैं।