वाशिंगटन: अमेरिका ने आठ देशों को प्रतिबंध लागू होने के बावजूद ईरान से तेल का आयात जारी रखने पर सहमति जताई है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। अमेरिका ने ईरान के साथ हुये परमाणु समझौते से अपने को अलग करते हुये ईरान पर एक बार फिर से प्रतिबंध लागू किये हैं। ये प्रतिबंध पांच नवंबर से लागू हो रहे हैं। पोम्पियो ने कहा कि ये देश ईरान से चल रहे तेल आयात में भारी कटौती करेंगे। इससे पहले दिन में ब्लूमबर्ग ने अमेरिका के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि भारत, जापान और दक्षिण कोरिया सहित आठ देशों को ईरान से तेल आयात करने पर प्रतिबंध से छूट दी गई है।
अमेरिका इससे पहले चाहता था कि भारत सहित ईरान से तेल खरीदने वाले अन्य देश चार नवंबर को ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह बंद कर दें। इस दिन के बाद अमेरिका की ओर से ईरान पर प्रतिबंध लागू हो जायेंगे। लेकिन अब लगता है कि अमेरिका ने अपने इस रुख में कुछ ढील दी है। उसका विचार है कि बाजार से ईरान तेल को पूरी तरह से समापत कर देने के बाद बाजार में उठापटक हो सकती है और दाम पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
भारत ईरान से कच्चे तेल का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है। नयी दिल्ली स्थित सूत्रों के अनुसार भारत अब ईरान से कच्चे तेल की खरीद को सालाना डेढ करोड़ टन तक सीमित रखना चाह रहा है। इससे पहले 2017- 18 में भारत की ईरान से तेल खरीद दो करोड 26 लाख टन यानी चार लाख 52 हजार बैरल प्रतिदिन के स्तर पर रही। पोम्पियो ने कहा कि ईरान पर लगाये गये प्रतिबंध से अमेरिका आठ देशों को अस्थाई तौर पर छूट देगा। इन देशों को यह छूट उनके द्वारा ईरान से तेल आयात में उल्लेखनीय कटौती करने के कदम को देखते हुये दी जा रही है। इन देशों के नाम सोमवार को जारी किये जायेंगे।
पोम्पियो ने कहा कि सोमवार को ईरान पर प्रतिबंध लागू होने के बाद अमेरिका आठ देशों को ईरान से तेल आयात की अनुमति देगा लेकिन यह आयात कम से कम होना चाहिये। अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और कथित तौर पर आतंकवाद को समर्थन देने के खिलाफ उस पर प्रतिबंध लगाया है। प्रतिबंध के तहत अमेरिका उन देशों और विदेशी कंपनियों को दंडित करेगा जो ईरान से तेल आयात बंद और काली सूची में डाली गई ईरान की कंपनियों के साथ व्यापार करना बंद नहीं करेंगी।