वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के लापरवाह एवं खतरनाक व्यवहार के बारे में आज जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं से बातचीत की और इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में निकट समन्वय की महत्वता की पुन: पुष्टि की। ट्रंप ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से फोन पर अलग अलग बात की और उत्तर कोरिया के खिलाफ समन्वित जवाबी कार्रावाई करने की आवश्यकता पर बल दिया। उत्तर कोरिया ने रविवार को कहा था कि उसने लंबी दूरी की मिसाइल के लिए डिजाइन किए गए हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया। उसने अपने इस छठे एवं सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण को पूरी तरह सफल बताया था। उत्तर कोरिया के इस परीक्षण की दुनिया भर के देशों ने निंदा की थी। (BRICS SUMMIT: चीन ने कहा, पंचशील के 5 सिद्धांतों के तहत हम काम करेंगे)
व्हाइट हाउस ने फोन कॉल की जानकारी देते हुए कहा, दोनों नेताओं ट्रंप और एंजेला ने उत्तर कोरिया के लगातार जारी लापरवाह एवं खतरनाक व्यवहार की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र के साथ निकट समन्वय की महत्वता पर पुन: बल दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उकसावे की ताजा कार्वाई ने उत्तर कोरिया की प्रतिबंधित गतिविधियों का विरोध करने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संकल्प को और मजबूत करने का काम किया है। व्हाइट हाउस ने कहा, उत्तर कोरियाई खतरे से निपटने के सभी विकल्पों पर विचार होगा। एक अन्य फोन कॉल में ट्रंप और मून ने उस गंभीर खतरे को रेखांकित किया जो उत्तर कोरिया की उकसावे की ताजा कार्वाई ने पूरी दुनिया के लिए पैदा किया है।
दोनों नेताओं ने हर उपलब्ध माध्यम के जरिए उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने संयुक्त सैन्य क्षमताएं मजबूत करने का भी संकल्प लिया। व्हाइट हाउस ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने उनकी मिसाइल पेलोड क्षमताओं पर प्रतिबंध हटाने की दक्षिण कोरिया की पहल को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी। राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका की ओर से दक्षिण कोरिया को कई अरब डॉलर के सैन्य हथियारों और उपकरणों की बिक्री को अपनी सहमति भी दी।
एक अन्य फोन कॉल में ट्रंप और आबे ने उत्तर कोरिया के अस्थिरता पैदा करने वाले और उकसाने वाले लगातार जारी कदमों की निंदा की। उन्होंने दोनों देशों की रक्षा संबंधी प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने की बात दोहराई और निकट सहयोग बनाए रखने का संकल्प लिया। व्हाइट हाउस ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने हमारी सभी राजनयिक, परम्परागत एवं परमाणु क्षमताओं का इस्तेमाल करके हमारे देश, क्षेत्र और सहयोगी की रक्षा करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई।