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कावानाह अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने से महज एक कदम दूर

इससे पहले कावानाह के नामांकन पर चर्चा को समाप्त करने के लिये सीनेट ने उनके नाम को 51-49 मतों से मंजूरी दी। एक रिपब्लिकन सांसद लीसा मुर्कोवस्की ने कावानाह के खिलाफ मतदान किया जबकि डेमोक्रैट सीनेटर जो मंचिन ने समर्थन में मतदान किया।

Reported by: Bhasha
Published : October 06, 2018 9:40 IST
कावानाह अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने से महज एक कदम दूर
कावानाह अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने से महज एक कदम दूर

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पसंदीदा उम्मीदवार ब्रेट कावानाह सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनने से महज एक कदम दूर हैं। सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी ने उनके नामांकन की पुष्टि के लिए पर्याप्त सीनेटरों का समर्थन हासिल कर लिया है। रिपब्लिकन सीनेटर सुजैन कोलिन्स और डेमोक्रैट सीनेटर जो मंचिन 100 सदस्यीय सीनेट में कावानाह को समर्थन देने वाले 50वें और 51वें सीनेटर रहे। टाई की स्थिति में उप राष्ट्रपति माइक पेंस मतदान कर सकते हैं। इसको देखते हुए कावानाह का सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनना शुक्रवार रात लगभग तय हो गया।

इससे पहले कावानाह के नामांकन पर चर्चा को समाप्त करने के लिये सीनेट ने उनके नाम को 51-49 मतों से मंजूरी दी। एक रिपब्लिकन सांसद लीसा मुर्कोवस्की ने कावानाह के खिलाफ मतदान किया जबकि डेमोक्रैट सीनेटर जो मंचिन ने समर्थन में मतदान किया। कावानाह के नाम की अंतिम पुष्टि के लिये शनिवार दोपहर मतदान होने की उम्मीद है। क्लोटर वोट के नतीजे पर राष्ट्रपति ट्रंप ने खुशी जताई। ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘जज ब्रेट कावानाह के नामांकन को आगे बढ़ाने के लिये सीनेट के इसके पक्ष में मतदान करने से काफी गर्व महसूस कर रहा हूं।’’

कोलिन्स के भाषण के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘अपनी आस्था के लिये डटे रहने और सही चीज करने के लिये आपका आभार।’’ अगर कावानाह के नाम की पुष्टि हो जाती है तो आने वाले वर्षों में नौ न्यायाधीशों वाले सुप्रीम कोर्ट में कंजरवेटिव जजों का बहुमत हो जाएगा। सत्तारूढ़ रिपब्लिकन और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच एक महीने से चल रही तकरार खत्म होने से ट्रंप और उनकी पार्टी को छह नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव के मद्देनजर बड़ी राजनीतिक जीत मिली है। गौरतलब है कि कावानाह पर कई महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। उन पर सबसे पहले आरोप लगाने वाली प्रोफेसर क्रिस्टीन ब्लाजी फोर्ड ने सीनेट की न्यायिक समिति के समक्ष अपना मामला रखा था।

बहरहाल, एफबीआई ने अपनी जांच में कावानाह को क्लीन चिट दे दी। कोलिन्स ने सीनेट में कावानाह को समर्थन देने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘उनके नामांकन को लेकर उग्र, कटु लड़ाई के बावजूद मुझे उम्मीद है कि ब्रेट कावानाह उच्चतम न्यायालय में विभाजन को कम करेंगे ताकि जनता का भरोसा हमारी न्यायपालिका और हमारी सर्वोच्च अदालत में बहाल हो।’’ कावानाह का समर्थन करने वाले इकलौते डेमोक्रैट सीनेटर मंचिन ने कहा, ‘‘मैंने न्यायाधीश कावानाह को एक योग्य न्यायविद पाया जो संविधान का पालन करेंगे और अपने समक्ष आने वाले मुकदमों का कानूनी साक्ष्यों के आधार पर फैसला करेंगे।’’

अगर कावानाह के नाम पर मुहर लग जाती है तो वह न्यायाधीश एंथनी केनेडी का स्थान लेंगे जिन्होंने इस साल सेवानिवृत्ति की घोषणा की। इस बीच, कावानाह के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने यूएस कैपिटोल के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने कावानाह के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों के चलते सीनेटरों से उनके नाम की पुष्टि ना करने का अनुरोध किया। इनमें से करीब 100 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ट्रंप ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि इन प्रदर्शनकारियों को पैसे दिए गए थे। उन्होंने इसके पीछे अरबपति जॉर्ज सोरोस का हाथ होने का आरोप लगाया।

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