वाशिंगटन: अमेरिका का सर्वोच्च न्यायालय यात्रा प्रतिबंध पर रोक लगाने वाले निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली ट्रंप सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को राजी हो गई। सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वोच्च अदालत यात्रा प्रतिबंध के कुछ हिस्सों को लागू करने की मंजूरी देगी और मामले पर आगे सुनवाई होगी। ट्रंप ने दलील दी थी कि अमेरिका में आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए यह उपाय जरूरी है। (ट्रंप ने कहा, इस क्षेत्र में वैश्विक नेता हैं मोदी और मैं)
आलोचकों तथा कुछ संघीय अदालतों ने अपने फैसलों में कहा है कि प्रतिबंध धार्मिक आधार पर प्रवासियों को निशाना बनाता है, क्योंकि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में ट्रंप ने अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर 'पूरी तरह पाबंदी' लगाने की बात कही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, दो संघीय अदालत फैसले को पहले ही बरकरार रख चुकी हैं, जो शासकीय आदेश के अधिकांश फैसलों पर रोक लगाता है। ट्रंप प्रशासन ने शासकीय आदेश को लागू करने का आपात आग्रह किया था।
छह मार्च को जारी शासकीय आदेश में लीबिया, ईरान, सोमालिया, सूडान, सीरिया तथा यमन के यात्रियों की अमेरिका यात्रा पर 90 दिनों की पाबंदी लगाई गई थी। यह संशोधित आदेश था। साथ ही आदेश में सभी शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर 120 दिनों की पाबंदी लगाई गई थी। अदालत ने फैसले में कहा है कि आदेश उन लोगों को छोड़कर लागू हो सकता है, 'जिनका अमेरिका में किसी व्यक्ति या इकाई के साथ कोई प्रामाणिक रिश्ता नहीं है।'