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रूसी शख्स ने अमेरिकी जासूसों से यूं ऐंठ ली एक लाख डॉलर की रकम

CIA के एजेंटों ने NSA से चुराए गए रूसी हैकिंग प्रोग्राम से इन्हें वापस खरीदने के लिये कथित तौर पर पिछले साल अच्छा-खासा समय लगाया...

Reported by: Bhasha
Published : February 10, 2018 17:52 IST
Representational Image | AP
Representational Image | AP

वॉशिंगटन: एक रूसी व्यक्ति ने चुराए गए हैकिंग टूल और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली सूचना लौटाने का वादा करके पिछले साल अमेरिकी जासूसों से एक लाख डॉलर (लगभग 63 लाख रुपये) ऐंठ लिए। न्यूयार्क टाइम्स में शुक्रवार को छपी खबर के अनुसार जिन चीजों को लौटाने का वादा किया गया था उसमें पश्चिम बर्लिन के एक बार में गोपनीय USB ड्राइव सौंपने और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के ट्विटर अकाउंट पर दिए गए कूट संदेश शामिल हैं। CIA के एजेंटों ने NSA से चुराए गए रूसी हैकिंग प्रोग्राम से इन्हें वापस खरीदने के लिये कथित तौर पर पिछले साल अच्छा-खासा समय लगाया।

खबर में यह भी कहा गया है कि विक्रेता की पहचान नहीं हो पाई है लेकिन उसके तार साइबर अपराधियों एवं रूसी खुफिया तंत्र से जुड़े हैं। उसने अमेरिकी खुफिया एजेंटों को यह प्रलोभन दिया कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के हैकिंग उपकरणों की पेशकश कर सकता है। इसके बारे में शैडो ब्रोकर्स नामक एक संदिग्ध समूह ने आनलाइन बिक्री का विज्ञापन दिया था। इनमें से कुछ हैकिंग उपकरणों को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने विकसित किया था ताकि वह अमेरिका के विरोधियों के कंप्यूटर को हैक कर सके। इन्हीं उपकरणों की मदद से अन्य हैकरों ने पिछले साल दुनिया भर की कंप्यूटर प्रणालियों में सेंध लगायी जिसमें पिछले साल मई में हुए वैश्विक ‘मालवेयर’ हमला भी शामिल है। विक्रेता ने इसके लिए 10 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी ।

बर्लिन स्थित होटल के एक कमरे में एक लाख डॉलर से भरा सूटकेस दिया गया था जो अमेरिकी एजेंट की तरफ से शुरुआती भुगतान था। अखबार की खबर में यह कहा गया है कि अमेरिकी एजेंट को यह अब भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि विक्रेता ने जो देने का वादा किया था वह वास्तव में उसके पास था भी या नहीं। विक्रेता ने अमेरिकी एजेंटों को ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री देने के बारे में भी पेशकश की थी। यद्यपि अमेरिका में पहले से ट्रंप के चुनावी अभियान में रूसी हस्तक्षेप से संबंधित जांच चल रही है, लेकिन अमेरिकी एजेंट ऐसी किसी बात में शामिल नहीं होना चाहते हैं जिसका उनकी घरेलू राजनीति से कोई ताल्लुक हो। अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि देश में 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने हस्तक्षेप किया था ताकि ट्रंप का निर्वाचन सुनिश्चित किया जा सके।

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